पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा जिलों में वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर भड़की हिंसा की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कार्रवाई तेज कर दी है। आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 18 और 19 अप्रैल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा और पीड़ित महिलाओं से मुलाकात करेगा।
एनसीडब्ल्यू ने बुधवार को बयान जारी कर बताया कि यह दौरा उन खबरों के बाद तय किया गया है जिनमें दावा किया गया था कि धुलियान के मंदिरपाड़ा क्षेत्र में सांप्रदायिक अशांति के दौरान कई महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार और छेड़छाड़ की गई। बयान के मुताबिक, “हिंसा की भयावहता के चलते सैकड़ों महिलाओं को अपने घर छोड़ने पड़े। कई को जान बचाने के लिए भागीरथी नदी पार कर मालदा में शरण लेनी पड़ी। ये महिलाएं डर और अनिश्चितता के साए में हैं, जिन्हें अकल्पनीय मानसिक और सामाजिक आघात झेलना पड़ रहा है।”
आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच समिति का गठन किया है, जिसमें आयोग की सदस्य डॉ. अर्चना मजूमदार और उप सचिव डॉ. शिवानी डे को शामिल किया गया है। ये दोनों अधिकारी जांच में अध्यक्ष रहाटकर का सहयोग करेंगी।
इस बीच, राज्य प्रशासन ने भी मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए नौ सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इसकी अगुवाई एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी करेंगे, जबकि दो डिप्टी एसपी और छह इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी टीम का हिस्सा होंगे।
राज्य पुलिस के अनुसार, मुर्शिदाबाद हिंसा में अब तक 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जिले में अब भी भारी पुलिस बल तैनात है, जबकि संवेदनशील इलाकों में ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी की जा रही है।
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