मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को लेकर एक बेहद अहम और दिलचस्प खबर सामने आई है। जापान सरकार भारत को टेस्टिंग और ट्रायल्स के लिए बुलेट ट्रेन मुफ्त में देने पर विचार कर रही है। इस ऐतिहासिक सहयोग से भारत में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क की शुरुआत को एक बड़ी मजबूती मिल सकती है।
दरअसल, भारत में बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए शिंकानसेन E5 और E3 सीरीज के एक-एक ट्रेन सेट भेजे जाने की योजना बन रही है, जिससे भारत जापानी तकनीक को अपनी ज़मीन पर जांच सकेगा। यह ट्रेनें न केवल तेज रफ्तार की होंगी, बल्कि इनमें वर्ल्ड क्लास सेफ्टी फीचर्स भी शामिल होंगे, जो भारतीय जलवायु जैसे तापमान और धूल भरी परिस्थितियों में परखे जाएंगे।
जापान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2026 की शुरुआत में ये ट्रेनों का पहला सेट भारत को मिलने की संभावना है। इन पर विशेष परीक्षण उपकरण लगाए जाएंगे ताकि भारत में बुलेट ट्रेन के स्थायी संचालन के लिए ज़रूरी आंकड़े जुटाए जा सकें।
वर्तमान में भारत ने शिंकानसेन की E5 ट्रेन को अपने पहले रूट के लिए चुना है, जिसकी टॉप स्पीड 320 किमी प्रति घंटा है। लेकिन लागत और समय में हो रही देरी को देखते हुए अब नया विकल्प E10 मॉडल पर भी चर्चा हो रही है। माना जा रहा है कि E10 भारत की पहली वास्तविक ऑपरेशनल बुलेट ट्रेन बन सकती है, जिसकी डिलीवरी 2027 में हो सकती है।
गौरतलब है कि जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) इस प्रोजेक्ट में कुल लागत का 80 प्रतिशत लोन पर फंडिंग कर रही है। भारत सरकार को यह कर्ज केवल 0.01% ब्याज दर पर 50 वर्षों में चुकाना होगा। यह सहयोग सिर्फ एक प्रौद्योगिकीय आदान-प्रदान नहीं, बल्कि भारत-जापान के गहरे रणनीतिक और विकासात्मक रिश्तों की झलक है। अगर यह योजना सफल होती है, तो 2027 तक भारत का सपना बुलेट ट्रेन की तेज रफ्तार पर सवार होकर साकार होता नज़र आएगा।
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