जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण इस्लामी आतंकी हमले ने न केवल देश को दहला दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी व्यापक प्रतिक्रिया सामने आई है। मंगलवार (23 अप्रैल)को मशहूर पर्यटन स्थल बैसरन घाटी में हुए इस कायराना हमले में कम से कम 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। आतंकियों ने घने जंगलों से निकलकर अचानक हमला किया और निहत्थे पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। वहीं आतंकियों की तस्वीरें साझा की गई उनमें 2 आतंकी पाकिस्तानी होने की भी पुष्टी की गई है।
जहां भारत में इस हमले को लेकर शोक और गुस्से की लहर दौड़ पड़ी है, वहीं पाकिस्तान सरकार ने चुप्पी साधकर यही बताने की कोशिश की है की यह उनकी ही घटिया सोच की उपज थी। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक संक्षिप्त बयान में घटना पर चिंता तो जताई लेकिन न तो इसे “आतंकवादी हमला” कहा और न ही इसकी सीधी निंदा की। इस रवैये ने एक बार फिर पाकिस्तान की मंशा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़ दिल्ली लौटकर आपात बैठक बुलाई, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और विदेश सचिव ने भाग लिया। बैठक में सुरक्षा रणनीतियों की समीक्षा की गई और आतंकवादियों को कठोरतम दंड दिलाने का संकल्प लिया गया। पीएम मोदी ने स्पष्ट कहा कि भारत इस जघन्य हमले का करारा जवाब देगा।
गृह मंत्री अमित शाह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने श्रीनगर में पुलिस नियंत्रण कक्ष पहुंचकर मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। पार्थिव शरीरों को कड़ी सुरक्षा के बीच लाया गया, जहां पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमले की व्यापक निंदा की गई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात कर हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने घटना को “निर्दोष नागरिकों पर हमला” बताते हुए भारत को आतंक के खिलाफ मजबूती से समर्थन देने की बात कही। इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी, इजरायली विदेश मंत्री गिडोन सार और यूक्रेन के दूतावास ने भी इस हमले को बर्बर करार देते हुए भारत के प्रति सहानुभूति प्रकट की।
इस बीच जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों की तैनाती कर दी गई है और संभावित खतरे को भांपते हुए सतर्कता बढ़ा दी गई है। जहां दुनिया भारत के साथ खड़ी नजर आ रही है, वहीं पाकिस्तान का ढुलमुल रवैया एक बार फिर उसे आतंक की शरणस्थली साबित करता है। अब पूरा देश पूछ रहा है—कब तक निर्दोषों की लाशें उठाई जाएंगी और कब होगी निर्णायक कार्यवाही?
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