30 C
Mumbai
Friday, December 5, 2025
होमक्राईमनामाबरेली: शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी करने वाली पाकिस्तानी महिला तीन महीने...

बरेली: शिक्षा विभाग में सरकारी नौकरी करने वाली पाकिस्तानी महिला तीन महीने से फरार

यह दिखाता है कि सीमाओं के पार से भारत में घुसने वाले लोग सरकारी सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं और महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच सकते हैं।

Google News Follow

Related

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के पद पर नौकरी हासिल की और वर्षों तक सरकारी सेवा का लाभ उठाया। अब, तीन महीने से फरार इस महिला के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है और उसकी तलाश जारी है। इस घटना ने सरकारी भर्ती प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही और सुरक्षा संबंधी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

फर्जी दस्तावेजों के जरिए नौकरी प्राप्त की

यह मामला तब सामने आया, जब बरेली के शिक्षा विभाग ने इस महिला के खिलाफ जांच शुरू की। शुमायला खान नाम की इस महिला ने 2015 में फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के माधोपुर प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षिका के रूप में नियुक्ति प्राप्त की थी। उसने एक पाकिस्तानी नागरिक होते हुए भी फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। शुमायला ने अपने निवास के लिए रामपुर के उपजिलाधिकारी कार्यालय से फर्जी प्रमाण पत्र प्राप्त किया था, जो उसने सरकारी नौकरी पाने के लिए इस्तेमाल किया।

शुमायला खान की नियुक्ति में अनियमितताएँ तब उजागर हुईं जब एक गोपनीय शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई। तहसीलदार सदर, रामपुर द्वारा की गई जांच में यह साबित हो गया कि शुमायला का निवास प्रमाण पत्र फर्जी था और वह पाकिस्तान से संबंधित थीं। इसके बाद, बरेली प्रशासन ने उसे निलंबित कर दिया और उसके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की।

शुमायला के खिलाफ एफआईआर और बर्खास्तगी

जांच के परिणामस्वरूप, शुमायला खान को अक्टूबर 2024 में निलंबित किया गया और उन्हें 2015 से ही बर्खास्त कर दिया गया। हालांकि, जांच में यह भी सामने आया कि शुमायला की मां, माहिरा अख्तर, जो खुद एक शिक्षिका थीं, भी इसी प्रकार के फर्जीवाड़े में शामिल थीं और उन्हें 2021 में बर्खास्त किया गया था। यह खुलासा यह दर्शाता है कि यह मामला सिर्फ शुमायला खान तक ही सीमित नहीं था, बल्कि एक बड़े पैमाने पर फर्जी दस्तावेजों का नेटवर्क काम कर रहा था।

शुमायला के खिलाफ बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। आरोप है कि शुमायला ने फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से सरकारी नौकरी प्राप्त की और सिस्टम में धोखाधड़ी की। यह पूरी घटना प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है, जिसने इतने लंबे समय तक इस महिला को सरकारी सेवा में बने रहने दिया।

फरार महिला की तलाश जारी

शुमायला खान तीन महीने से फरार हैं, और पुलिस अब उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। हालांकि, वह अब तक पकड़ में नहीं आई हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि महिला के खिलाफ सभी कानूनी प्रक्रियाएँ पूरी की जा रही हैं, और जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

किसी कोने में छिपा खतरा

यह मामला सरकारी सेवाओं में सुरक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े करता है। एक पाकिस्तानी नागरिक का इस प्रकार की धोखाधड़ी के माध्यम से भारतीय शिक्षा विभाग में नौकरी प्राप्त करना न केवल सिस्टम की कमजोरी को दर्शाता है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से भी एक गंभीर चिंता का विषय है। क्या ऐसे मामलों को समय रहते पकड़ने के लिए और भी कड़ी जांच की आवश्यकता है? क्या सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है? यह सवाल अब पूरे प्रशासनिक तंत्र के सामने हैं।

एक पाकिस्तानी महिला का भारतीय सरकारी सेवा में कार्यरत होना और फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से नौकरी हासिल करना किसी भी देश के लिए एक बड़ा सुरक्षा खतरा हो सकता है। यह दिखाता है कि सीमाओं के पार से भारत में घुसने वाले लोग सरकारी सिस्टम में घुसपैठ कर सकते हैं और महत्वपूर्ण पदों पर पहुंच सकते हैं।

यह घटना एक सबक है कि सरकारी विभागों को अपनी भर्ती प्रक्रियाओं में अधिक सावधानी बरतनी चाहिए। फर्जी दस्तावेजों की पहचान करने के लिए तकनीकी और मानवीय स्तर पर अतिरिक्त प्रयास किए जाने चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सके। भारत के कानूनों की बात करें तो अभी भी फर्जी दस्तावेज बनाना, भारत में घुसपैठ करना, अदालत और सरकारी दफ़्तरों में झूठ बोलना गंभीर अपराध की श्रेणी में नहीं है, जिस कारण राष्ट्र सुरक्षा के लिए खतरा और भी बड़ा हो चूका है। यह घटना एक चेतावनी है कि प्रशासन को सुरक्षा उपायों को और भी मजबूत करना होगा और ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखनी होगी, ताकि भविष्य में ऐसे घटनाएँ दोबारा न हों।

यह भी पढ़ें:

भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की ओर बड़ी उम्मीद, ट्रंप प्रशासन की नीतियों का असर

पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर के 48 पर्यटन स्थल बंद, घाटी में गहरा डर और रोष

पहलगाम आतंकी हमले में शामिल हाशिम मूसा निकला पाकिस्तान सेना का पूर्व कमांडो!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,711फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें