26/11 मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए मुंबई पुलिस के जवान तुकाराम ओंबले के भाई, एकनाथ ओंबले ने तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राणा को अमेरिका से भारत लाना बेहद अहम और संतोषजनक कदम है। उन्होंने मांग की कि तहव्वुर राणा को तुरंत फांसी की सजा दी जाए।
आईएएनएस से बातचीत में एकनाथ ओंबले ने कहा कि 26/11 के हमले में कई निर्दोष नागरिकों, पुलिसकर्मियों और जवानों ने अपनी जान गंवाई थी। उन्होंने कहा कि जैसे कसाब को सजा देने में देर हुई थी, वैसी गलती दोबारा नहीं होनी चाहिए — राणा के मामले में न्याय जल्द से जल्द हो और उसे फांसी दी जाए।
घटना की यादों को साझा करते हुए उन्होंने बताया कि उस रात करीब 12:15 बजे उन्होंने टीवी पर ताज होटल पर हमला होते देखा और तुरंत अपने भाई तुकाराम को फोन किया। भाई ने बताया कि सब ठीक है, लेकिन थोड़ी ही देर में उसी क्षेत्र में हमला हो गया।
दहशतवादियों ने तुकाराम ओंबले पर 20 से अधिक गोलियां चलाईं, लेकिन उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अजमल कसाब को जिंदा पकड़ लिया।
एकनाथ ओंबले ने कहा कि शहीदों की सच्ची श्रद्धांजलि तभी मानी जाएगी जब तहव्वुर राणा को बिना किसी देरी के फांसी की सजा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि राणा को फांसी देकर भारत को एक स्पष्ट संदेश देना चाहिए और पाकिस्तान को भी यह चेतावनी मिलनी चाहिए कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि तहव्वुर राणा को फांसी देने की मांग देशभर में जोर पकड़ रही है।
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