हरियाणा के यमुनानगर के डीएवी पब्लिक स्कूल में चोटी रखकर और तिलक लगाकर छात्रों के आने पर चोटी काटने और तेजाब से तिलक मिटाने की धमकी देनेवाली अध्यापिका के खिलाफ अभिभावकों ने गुरुवार को जमकर हंगामा किया। स्कूल शिक्षकों पर फिर से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। इस बात को सुनकर पीड़ित छात्र बेहद आहत हुए और डर गए। यह बात छात्रों ने अभिभावकों को बताई। इसके बाद अभिभावक मां भारती जन जागृति फाउंडेशन के सदस्यों के साथ गुरुवार को स्कूल पहुंचे। इस दौरान जमकर हंगामा किया गया।
जिसके बाद प्रधानाचार्य ने सभी शिक्षकों को कार्यालय में बातचीत के लिए बुलाया। स्कूल टीचरों की गलती को स्वीकार किया और स्कूल ने गलती मानते हुए भविष्य में इसे न दोहराने का आश्वासन दिया, जिस पर मामला शांत हुआ। वहीं पीड़ित बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि उनके बच्चे 11 वीं और 12 वीं में पढ़ते हैं। घर से मिले संस्कारों के चलते उनकी अपने धर्म और संस्कृति के प्रति गहरी आस्था है। परिवार में सभी पुरुष चोटी और तिलक लगाकर पूजा करते है। लिहाजा बच्चे भी इस परंपरा को आगे बढ़ा रहें है, लेकिन स्कूल के शिक्षक चोटी रखने और तिलक लगाने को लेकर बार-बार उनके बच्चों को अपमानित करने का काम करती रहती है।
मां भारती जन जागृति फाउंडेशन के सदस्यों ने कहा कि चोटी रखना भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। आदिकाल से लोग चोटी रखते हैं और तिलक लगाते हैं। वहीं इसे वैज्ञानिक रूप से भी उत्तम माना जाता है, जबकि स्कूल में बच्चों को इसके लिए प्रताड़ित किया जा रहा है और धमकी दी जा रही है। गौरतलब है की दो महीने पहले भी इसी तरह की घटना कैंप के सरकारी स्कूल में हुई थी और हिंदू संगठनों द्वारा स्कूल प्रांगण में जाकर जमकर हंगामा किया गया था। जिसके बाद आरोपी टीचरों ने माफी मांगकर लोगों के गुस्से को शांत किया था। मां भारती जन जागृति फाउंडेशन के प्रतिनिधि बॉबी बक्शी का कहना है की हिंदू परंपरा पर होने वाले इस तरह के कुठाराघात को वह किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
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