फोर्ट स्थित मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने मलाड ईस्ट में अवैध रूप से रह रहे तीन बांग्लादेशी नागरिकों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने उन्हें तीन महीने की कैद और 500-500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया है कि सजा पूरी करने के बाद इन तीनों को भारत से निर्वासित किया जाए।
यह कार्रवाई कुरार पुलिस स्टेशन की ओर से की गई थी। पुलिस के अनुसार, 9 जनवरी को वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर स्थित टाइम्स ऑफ इंडिया ब्रिज के नीचे एक बांग्लादेशी पुरुष को पकड़ा गया था। इसके बाद 7 मार्च को ओमकार एसआरए बिल्डिंग, कुरार गांव (मलाड ईस्ट) के गेट के बाहर दो महिलाओं को भी हिरासत में लिया गया।
पुलिस जांच में यह सामने आया कि तीनों के पास भारत में रहने के कोई वैध दस्तावेज नहीं थे। पूछताछ के दौरान वे दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहे। इसके चलते उन्हें अवैध रूप से रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया।
दोषियों की पहचान शुभम सरदार, मेहरुन सरदार और अल्पना सरदार के रूप में की गई है। पुलिस के अनुसार, ये सभी लोग मुंबई में छोटे-मोटे काम कर अपना जीवन यापन कर रहे थे।
कोर्ट के फैसले के अनुसार, तीनों आरोपियों को तीन महीने जेल में रहने के बाद भारत से बांग्लादेश वापस भेजा जाएगा।पुलिस का कहना है कि जोन-12 क्षेत्र में जनवरी 2025 से अब तक 27 मामले अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ दर्ज किए गए हैं, जिनमें 33 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले वर्ष भी मुंबई में ऐसे हजारों मामले दर्ज किए गए थे, जो अवैध घुसपैठ और अवैध निवास से संबंधित थे।
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