भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में यूरोप दौरे पर गया सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल रविवार को भारत लौट आया। लौटने के बाद रविशंकर प्रसाद ने मीडिया से बातचीत में बताया कि यूरोप के सभी देशों ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई। उन्होंने कहा कि “हमारी यात्रा बेहद सकारात्मक रही, और आने वाले समय में भारत और यूरोप के बीच संबंधों की एक नई शुरुआत देखने को मिलेगी।”
प्रसाद ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने फ्रांस, इटली, डेनमार्क (कोपेनहेगन), इंग्लैंड, ब्रुसेल्स और जर्मनी का दौरा किया, जहां उन्होंने सांसदों, मंत्रियों, थिंक टैंकों, मीडिया और भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि “हर मंच पर एक स्वर में आतंकवाद की निंदा की गई और भारत के प्रति समर्थन जताया गया।”
उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जिससे सभी देश भारत की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने मीडिया से कहा, “इस दो सप्ताह की यात्रा में हमने पूरे यूरोप में भारत का दृष्टिकोण रखा और आतंकवाद पर ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति को स्पष्ट किया। हमने यह संदेश दिया कि पाकिस्तान से उत्पन्न किसी भी आतंकी हरकत को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। यह संदेश अंतरराष्ट्रीय मंचों ने गंभीरता से लिया है।”
भाजपा सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी ने कहा, “हम यूरोप इस उद्देश्य से गए थे कि भारत में दशकों से जारी आतंकवाद को उजागर किया जाए। हमने प्रवासी भारतीयों, सांसदों और अधिकारियों से मुलाकात की और आतंकवाद से जुड़े प्रमाण प्रस्तुत किए। सभी ने भारत को समर्थन देने का भरोसा जताया।”
राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि “यूरोपियन यूनियन ने पहलगाम हमले को लेकर खेद प्रकट किया और पाकिस्तान को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की जरूरत पर बल दिया। पाकिस्तान अब एक आतंकवादी केंद्र बन चुका है और वह बांग्लादेश को भी आतंकी लॉन्च पैड की तरह इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।”
एआईएडीएमके सांसद एम. थंबीदुरई ने भी प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहते हुए कहा कि “हमने पाकिस्तान की आतंकवादी गतिविधियों को पूरी दुनिया के सामने उजागर किया। मैं प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने हमें यह अवसर दिया।”
इस पूरे दौरे का मकसद था पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद के मुद्दे पर बेनकाब करना और भारत के खिलाफ आतंकी हमलों को लेकर वैश्विक समर्थन जुटाना। प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि उन्हें हर देश से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है और अब भारत और यूरोप के बीच रिश्ते और अधिक गहरे होंगे।
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