ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने स्पष्ट किया है कि उनका देश अपने परमाणु प्रतिष्ठानों के निरीक्षण के लिए तैयार है, लेकिन किसी भी प्रकार का बाहरी दबाव स्वीकार नहीं करेगा। शनिवार (7 जून) को तेहरान में कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ के साथ बैठक के दौरान उन्होंने यह बात कही।
राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर जारी आधिकारिक बयान में कहा गया कि ईरान अपनी परमाणु गतिविधियों को लेकर हमेशा पारदर्शी रहा है और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी इस पारदर्शिता की बार-बार पुष्टि की है। पेजेशकियन ने दो टूक कहा, ‘चूंकि हम निरीक्षण के लिए तैयार हैं, इसलिए हम राष्ट्रों को ज्ञान, प्रौद्योगिकी और वैज्ञानिक उपलब्धियों से वंचित करना अस्वीकार्य मानते हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि ईरान तार्किक संवाद के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन किसी प्रकार की ‘जबरदस्ती और धौंस’ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह बयान ऐसे समय में आया है जब ईरान और अमेरिका के बीच अप्रत्यक्ष परमाणु वार्ताएं जारी हैं, जिनकी मध्यस्थता ओमान कर रहा है।
बैठक के दौरान कजाकिस्तान के विदेश मंत्री मूरत नूर्टलेउ ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम पर उसके ‘सिद्धांतवादी और तार्किक रुख’ की सराहना की। उन्होंने कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कासिम-जोमार्ट टोकायेव का एक संदेश राष्ट्रपति पेजेशकियन को सौंपा और उम्मीद जताई कि यह संदेश दोनों देशों के रिश्तों को एक नई दिशा देगा।
सरकारी समाचार एजेंसी इरना के अनुसार, नूर्टलेउ शनिवार सुबह तेहरान पहुंचे और उनके स्वागत के लिए ईरानी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी सईद अब्बास अराघची उपस्थित थे। इस दौरान द्विपक्षीय और क्षेत्रीय मसलों पर चर्चा हुई, साथ ही राजनयिक अभिलेखागार के क्षेत्र में सहयोग को लेकर एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर भी हस्ताक्षर किए गए।
गौरतलब है कि ईरान और अमेरिका के बीच तेहरान के परमाणु कार्यक्रम और उस पर लगे अमेरिकी प्रतिबंधों को हटाने के मुद्दे को लेकर अब तक पांच बार अप्रत्यक्ष वार्ता हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को लेकर गहन निगरानी बनी हुई है।
यह भी पढ़ें:
“बिहार में हार का बहाना अभी से तैयार कर रहे राहुल गांधी”
‘क्या राहुल और प्रियंका ने मैच फिक्सिंग से जीता चुनाव?’
सीमापार आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में ब्रिटेन का समर्थन!
मणिपुर: तनाव के बाद पांच जिलों में इंटरनेट सेवा ठप!
