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मुंबई पुणे एक्स्प्रेस वे पर नियम तोड़ रहे हो? कोई आपको देख रहा है!

द्रुतगती मार्ग की सभी जिम्मेदारियां उप परिवहन आयुक्त भारत कालस्कर को दिया गया।

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मुम्बई-पुणे द्रुतगती मार्ग भारत का पहला कंक्रीट से निर्मित ६-लेन वाला द्रुतगति मार्ग है। इसका आधिकारिक नाम ‘यशवन्तराव चव्हाण मुम्बई-पुणे द्रुतगती मार्ग है। इसकी लम्बाई ९३ किमी है। लोनावला और खंडाला जानेवाले पर्यटक इस द्रुतगती मार्ग का प्रयोग करते है। यह भारत के सबसे व्यस्त मार्गों में से एक है। हालांकि मुंबई-पुणे द्रुतगती मार्ग पर हादसे और लापरवाही की कोई सीमा नहीं है। परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार ने अनियंत्रित चालकों को गिरफ्तार कर अनुशासित करने के उद्देश्य से एक दिसंबर यानी आज से विशेष निरीक्षण अभियान चलाने के आदेश दिये हैं।

मुंबई पुणे द्रुतगती मार्ग पर हुए हादसे की बात करें तो, मुंबई-पुणे द्रुतगती मार्ग पर मशहूर मराठी अभिनेत्री भक्ति बर्वे की 12 फरवरी 2001 को सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वाई से मुंबई लौटते समय उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई। लोकप्रिय अभिनेता आनंद अभ्यंकर और अक्षय पेंडसे की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। यह घटना 23 दिसंबर 2012 को हुई थी। उनकी कार का मुंबई-पुणे हाईवे पर एक्सीडेंट हो गया। मुंबई-पुणे द्रुतगती मार्ग पर उर्से टोल बूथ के पास बौर गांव के पास उनका एक्सीडेंट हो गया था। हादसा उस वक्त हुआ जब उनकी मारुति वैगनर कार को तेज रफ्तार टेंपो ने टक्कर मार दी। आनंद अभ्यंकर और अक्षय पेंडसे के साथ अक्षय के दो साल के बेटे प्रत्युष की भी मौत हो गई। इस हादसे से पूरा कला जगत हिल गया था।

वहीं बात यदि 14 अगस्त 2022 की करें तो मुंबई-पुणे द्रुतगती मार्ग वे पर बड़ा सड़क हादसा सामने आया था। जिसमें पूर्व विधायक विनायक मेटे की इस सड़क हादसे में मृत्यु हो गई। यह हादसा पनवेल के पास मॉडल टनल के पास हुआ था। पूर्व विधायक अपनी एसयूवी कार से जा रहे थे, इसी दौरान इनकी कार हादसे का शिकार हो गई थी। हादसे में गंभीर रूप से घायल पूर्व विधायक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें घोषित कर दिया था। इस भीषण सड़क हादसे में विनायक मेटे को काफी चोट आई थी। हादसा इतना भीषण था कि पूर्व विधायक की एसयूवी कार के परखच्चे उड़ गए थे।

यात्रियों का यह भी कहना है कि व्यवस्था की लापरवाही के कारण बड़ी संख्या में हादसे हो रहे हैं। दुर्घटनाओं की संख्या और नियमित ट्रैफिक जाम के कारण पुणे- मुंबई द्रुतगती मार्ग पर यात्रा कई लोगों के लिए अवांछनीय हो गई है। भारी ट्रैफिक, ओवरलोड ट्रैफिक, सड़क के किनारे वाहनों की अवैध पार्किंग के साथ-साथ सड़क पर रुके हुए वाहन, घाटों पर अकुशल चालकों का वाहन चलाना, ओवर स्पीडिंग दुर्घटनाओं के विभिन्न कारण हैं।

हालांकि हादसों को रोकने के लिए कई उपाय किए गए। उसके बाद भी इस मार्ग पर हादसों की संख्या में कमी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। द्रुतगती मार्ग का सड़क यह घुमावदार और पहाड़ी के मध्य है। इस सड़क पर भारी वाहन चालक नियमों का पालन नहीं करते हैं। लापरवाही से गलत लेन काटने से हादसे होते हैं। साथ ही ओवरटेकिंग की वजह से भी इस द्रुतगती मार्ग पर हादसे होते है। जबकि यातायात नियमों के अन्य सामान्य उल्लंघन भी दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं। जिस वजह से मुंबई-पुणे द्रुतगती मार्ग पर हादसों में मरने वालों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है।

हाईवे पुलिस के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पिछले साल की तुलना में दस महीने में कुल हादसों की संख्या में सिर्फ एक फीसदी की कमी आई है। घातक दुर्घटनाओं में सात प्रतिशत की कमी आई है। पिछले साल जनवरी से अक्टूबर के बीच कुल 169 हादसे हुए। 60 तरह के जानलेवा हादसों में 74 यात्रियों की जान चली गई। इसके अलावा 44 गंभीर हादसों में 96 यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। उसकी तुलना में इस साल कुल 168 हादसे हुए हैं जिसमें 68 लोगों की जान गई है। राजमार्ग पुलिस के आंकड़े बताते हैं कि 42 गंभीर दुर्घटनाओं में 92 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए।

इन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने और अनियंत्रित चालकों को अनुशासित करने के लिए एक राजमार्ग निरीक्षण दल में कम से कम दो मोटर वाहन निरीक्षक होंगे। प्रत्येक जांच अधिकारी को अपनी टीमों द्वारा पिछले 24 घंटे में की गई कार्रवाई का विवरण प्रतिदिन सुबह 10 बजे प्रस्तुत करना होगा। साप्ताहिक रिपोर्ट हर सोमवार सुबह 10 बजे परिवहन आयुक्त को देनी है। निरीक्षण के दौरान इंटरसेप्टर वाहनों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग किया जाएगा, जिससे चालकों को बार-बार यातायात नियमों का पालन करने की घोषणा की जा सके। वहीं द्रुतगती मार्ग से संबंधित जिम्मेदारियों को उप परिवहन आयुक्त सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ भारत कालस्कर को दिया गया है।

मुंबई-पुणे एक्सप्रेस वे पर तैयारी कैसी होगी आइए जानते है। 

1) सर्वप्रथम एक्सप्रेसवे पर एक निरीक्षण दल में मोटर वाहन निरीक्षक के स्तर पर कम से कम दो अधिकारी शामिल होंगे।

2) वहीं टीम का नियंत्रण सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी करेंगे, निरीक्षण दल ड्यूटी के अनुसार कार्य करते रहेंगे।

3) गति सीमा यानी स्पीड का उल्लंघन, लेन काटने, गलत लेन से गुजरने, सीट बेल्ट नहीं लगाने पर कार्रवाई की जाएगी।

4) द्रुतगती मार्ग पर सड़क किनारे अवैध रूप से वाहन खड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

5) साथ ही लगातार दौरे कर हाईवे पर अपघात क्षेत्रों की मरम्मत पर भी जोर दिया जाएगा।

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