अब खबर यह कि कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को गठबंधन का संयोजक बनाया जाएगा और 11 सह संयोजक बनाये जाने का फार्मूला तय हुआ है। हालांकि, अब इसका खुलासा “इंडिया” की बैठक में ही होगा कि यह बात कितनी सही है। अगर गठबंधन की बैठक में इस फार्मूले पर मुहर लगती है तो यह साफ़ हो जाएगा की नीतीश कुमार को हाशिये पर धकेल दिया जाएगा। क्योंकि, नीतीश कुमार की हालत बिहार में खुद खराब हो चुकी है। बता दें चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी नीतीश कुमार को संयोजक बनाये जाने वाली खबरों पर तंज कसा है। उनका कहना है कि लालू प्रसाद यादव की पार्टी से एक भी सांसद नहीं और वे तय करेंगे की किसे क्या बनाना है और ये लोग देश चलाएंगे।
उन्होंने, नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि बिहार में नीतीश कुमार की छवि खराब हो चुकी है। उनके पास मात्र 42 विधायक है। जबकि उनके जो 16 सांसद है वह भी पिछले गठबंधन यानी बीजेपी के साथ जाने से जीत कर आये हैं। इस बार कितने जीतेंगे यह कहना मुश्किल है। इससे यह साफ़ हो गया है कि नीतीश कुमार अब “अगुआ” नहीं, “पिछलगू” वाली भूमिका में होंगे। वैसे, नीतीश कुमार का भविष्य 2024 का लोकसभा चुनाव तय कर देगा कि उनका स्थान कहां है।
वही, इस बैठक में शरद पवार से भी सवाल जवाब होने की संभावना जताई जा रही है। क्योंकि पिछले दिनों अजित पवार से मुलाक़ात के बाद से कांग्रेस और उद्धव ठाकरे गुट के नेताओं ने सवाल उठाया था। दोनों पार्टी के नेताओं का कहना है कि शरद पवार और अजित पवार की मुलाक़ात से वोटरों में संशय बना हुआ है कि शरद पवार किसके साथ है? महा विकास अघाड़ी के साथ हैं या अजित पवार के साथ है, जो बीजेपी की सरकार में शामिल हो गए हैं। ऐसे में सभी की निगाहें लगी हुई है कि शरद पवार अपनी सफाई में क्या कहते हैं ?
वैसे, यूपी से लेकर बंगाल तक, दिल्ली से लेकर पंजाब तक इंडिया में घमासान मचा हुआ है। अरविंद केजरीवाल मध्य प्रदेश में, राजस्थान, छतीसगढ़ में दिल्ली और पंजाब में ताल ठोंक रहे है। जो कांग्रेस को रास नहीं आ रहा है। इसी तरह से बंगाल में भी ममता बनर्जी और कांग्रेस में तलवार खींची हुई हैं। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि सीट बंटवारे पर “इंडिया” गठबंधन में शामिल दल कैसे निपटेंगे। पिछले दिनों दिल्ली कांग्रेस की बैठक के बाद अलका लांबा के बयान पर घमासान मच गया था। बाद में कांग्रेस के नेताओं को इस मामले में सफाई देनी पड़ी थी। अलका लांबा ने दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी। जिसके बाद आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और कहा था कि फिर “इंडिया” की बैठक में जाकर समय बर्बाद करने की क्या जरुरत है। बाद कांग्रेस की सफाई देने के बाद यह मामला रफा दफा हुआ था।
वहीं, विपक्ष के “इंडिया” का “लोगो” भी जारी किये जाने की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि “इंडिया” से जुड़ा कुल नौ” लोगो” तैयार किया गया था। लेकिन, इसमें दलों को केवल एक ही “लोगो” पसंद आया। जो इटैलिक फॉन्ट में होगा। जिसमें तिरंगा के सभी रंग हैं। हालांकि इस “लोगो’ पर बैठक में ही मुहर लगेगी। बताया जा रहा है कि पार्टियों के समन्वय के लिए दिल्ली में हेडक़्वार्टर बनाने की भी चर्चा है। इतना ही नहीं, बैठक में 2024 के लोकसभा चुनाव में लड़ने वाली पार्टियों के साथ एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के प्रस्ताव पर भी चर्चा की जायेगी। इन तमाम मुद्दों को देखते हुए कहा जा सकता है कि क्या सभी पार्टियां अपने अपने गढ़ में दूसरी पार्टियों चुनाव लड़ने देंगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल तो सभी की निगाहें इस बैठक पर लगी हुई हैं।
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