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Saturday, November 23, 2024
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संजय सिंह की गिरफ्तारी गंभीर नहीं, AAP का सवालों के घेरे में आना बड़ी बात     

सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई करते बुधवार को केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसटर जनरल से पूछा था कि आप पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया।

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दिल्ली शराब घोटाले में संजय सिंह की गिरफ्तारी से बवाल मचा हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आम आदमी पार्टी को आरोपी नहीं बनाये जाने पर सवाल किया है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की जमानत पर सुनवाई करते बुधवार को केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसटर जनरल से पूछा था कि आप पार्टी को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया। ऐसे में यह भी सवाल खड़ा होता है कि क्या आने वाले समय में आप पार्टी के भी खिलाफ कोई कार्रवाई होगी।

वहीं, इस बीच बीजेपी द्वारा यह भी दावा किया गया है कि संजय सिंह के आवास पर छापेमारी में जो दस्तावेज मिले हैं। उसके आधार पर ऊपर के नेताओं पर भी आंच आ सकती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर अब आप आदमी पार्टी में किसका नंबर आने वाला है। तो आज हम इन्ही मुद्दों के जवाब ढूंढने की कोशिश करेंगे। अगर आप हमारे चैनल पर नए है तो आपसे रिक्वेस्ट है कि हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें।

दरअसल, दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। उनकी जमानत पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भ्रष्टाचार के पैसे का लाभ लेने वाली आम आदमी पार्टी है, तो उसे क्यों नहीं आरोपी बनाया गया। ऐसे में अगर जांच एजेंसियां आम आदमी पार्टी को आरोपी बनाती है तो देश में ऐसा पहली बार होगा जब किसी राजनीति पार्टी को भ्रष्टाचार के मामले में नामजद किया जाएगा। देखा जाए तो गले तक भ्रष्टाचार तक डूबी लालू प्रसाद यादव की पार्टी की भी ऐसी दुर्गति नहीं हुई है। जिसके अध्यक्ष तक भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए और सजा भी हो चुकी है। लेकिन आज जो हालत आम आदमी पार्टी की है उस पर जनता का अब विश्वास कम हुआ है.

क्योंकि, आप पार्टी का जन्म ही भ्रष्टाचार आंदोलन से ही हुआ है, लेकिन पार्टी की आज जो हालत है, उस पर सवाल खड़ा होने लगा है। सुप्रीम कोर्ट के ये सवाल आप पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। अब सवाल यह कि क्या जांच एजेंसियां आम आदमी पार्टी के खिलाफ कोई कदम उठाएंगी। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसियां ने अब इस मामले में कानूनी जानकारों से सलाह मशविरा कर रही हैं और चार्जशीट फ़ाइल करने के दौरान उसे आरोपी बनाया जा सकता है।

इससे साफ है कि आने वाले समय में आप पार्टी पर बड़ा ख़तरा मंडरा रहा है। बता दें कि, दिल्ली शराब नीति घोटाले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया के वकील का तर्क है कि यह एक सामूहिक निर्णय था। सिसोदिया ने अकेले इस पर निर्णय नहीं लिया था। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि भले सिसोदिया को जमानत मिल जाए, लेकिन आप पार्टी मुश्किल में फंस सकती है।

दूसरी बात यह कि, संजय सिंह की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया जा रहा है। उनकी गिरफ्तारी को आप कार्यकर्ता और अन्य राजनीति दल फर्जी बता रहे हैं। जिस पर बीजेपी ने सवाल खड़ा किया है। बीजेपी ने आप नेताओं और राजनीति दलों से पूछा है कि पंजाब में कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खेहरा की गिरफ्तारी अगर कानूनसमत है तो संजय सिंह की गिरफ्तारी कैसे फर्जी हो सकती है ? बता दें कि पंजाब के कांग्रेस नेता खेहरा को ड्रग्स के केस में पिछले दिनों गिरफ्तार किया गया था, यह मामला कई सालों से चल रहा है।

बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने गुरूवार को कहा कि पहले संजय सिंह कहते थे कि  शराब घोटाले की चार्जशीट में उनका नाम नहीं है, लेकिन वे झूठ बोल रहे थे। बता दें कि चार्जशीट में  संजय सिंह पर 82 लाख रुपए चंदा के रुप में लेने का आरोप है। संजय सिंह की गिरफ्तारी शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा के सरकारी गवाह बनने के बाद हुई है। अरोड़ा का कहना है कि संजय सिंह ने उनसे पार्टी फंड जुटाने के लिए कहा था और मनीष सिसोदिया से मुलाकात भी कराई थी। इसके आलावा उन्होंने अरोड़ा की सीएम केजरीवाल से भी मुलाक़ात कराई थी।

बीजेपी प्रवक्ता ने यह भी कहा कि संजय सिंह के आवास पर हुई छापेमारी में जो दस्तावेज  मिले है। वो आम आदमी पार्टी के ऊपर तक पहुंच है। यह किसी ऐसे व्यक्ति को फंसाएगी जो आप पार्टी की चेन में बहुत बड़ा है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर अब दिल्ली शराब घोटाले में किसका नंबर आने वाला है। क्या आप पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल हैं या कोई और नेता है ? यह लाख टके का सवाल है, क्योंकि आप आदमी में सबसे बड़ा नेता अरविंद केजरीवाल हैं, ऐसे में  क्या अब अरविंद केजरीवाल पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है ? यह तो अभी समय के गर्भ में लेकिन माना जा रहा है कि बीजेपी का इशारा केजरीवाल की ही ओर है।

बहरहाल, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी उतना गंभीर मामला नहीं हैं ,जितना  की पूरी आप पार्टी पर लगे आरोप, वहीं जब आप पार्टी पर जब शिकंजा कसेगा तो साफ़ है कि इसकी आंच केजरीवाल तक भी पहुंचेगी ? अब आप और केजरीवाल का क्या होगा ? यह  देखना बड़ा दिलचस्प होगा। क्योंकि, कथनी और करनी में यही अंतर होता है। जो आज आप पार्टी और उसके नेताओं में दिखाई दे रहा है।

 

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