भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के दिए गए बयान का क्या है मतलब  ? 

राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि दिल्ली में कुछ लड़कियां मिली थी, उन्होंने कहा था कि उनके साथ गलत व्यवहार हुआ है। इस अब विवाद बढ़ गया है।  

भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के दिए गए बयान का क्या है मतलब  ? 

राहुल गांधी अपने बयान से फिर फंसते हुए नजर आ रहे है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि दिल्ली में कुछ लड़कियां मिली थी, उन्होंने बताया था कि उनके साथ गलत व्यवहार हुआ है। अब इसी मामले को लेकर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी से उस संबंध में जानकारी जुटाने में लगी है। हालांकि, यह दूसरा मौक़ा है जब दिल्ली पुलिस ने नोटिस देने के बाद उनसे जानकारी लेने गई थी।

उन्होंने इस मामले पर जवाब देने के लिए पुलिस से समय माँगा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जो मुद्दे उठाये वे राजनीति से प्रेरित थे। उन्होंने इस दौरान कई ऐसी बातें कही, क्या वे झूठी थी ? क्या भारत जोड़ो यात्रा को सुर्ख़ियों में लाने के लिए राहुल गांधी ऐसे बयान दे रहे थे? क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी इस मामले से बचने की कोशिश कर रहे हैं उससे साफ़ है लगाता है कि इसमें कोई झोल है?

बहरहाल राहुल गांधी पर हमेशा से यह आरोप लगता रहा है कि वे राजनीति को गंभीरता से नहीं लेते हैं। अभी राहुल गांधी विदेश में 16 दिन बीता कर आये हैं। इस दौरान, उन्होंने विदेशों में भारत के खिलाफ जिस तरह से बयानबाजी की, उससे उनकी निष्ठा पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं। बीजेपी उन पर देश को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए माफ़ी मांगने की लगातार मांग कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता इस मामले में भोथरी दलील दे रहे हैं।

अब जब राहुल गांधी की पोलपट्टी खुल रही है तो वे इस मामले में सफाई देने लगे हैं। उन्होंने इस संबंध में कहा है कि केवल उन्होंने लोकतंत्र के हालात पर सवाल उठाये थे। उन्होंने यह सफाई शनिवार को विदेश मंत्रालय की कंस्लटेटिव कमेटी में दी। जिसमें विपक्ष के कई नेता मौजूद थे। बता दें कि राहुल गांधी ने विदेश में भारत में लोकतंत्र नहीं होने की बात कही थी और यूरोपीय सहित अन्य देशों से मदद भी मांगी थी।

अब, उन पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कश्मीर में यात्रा के अंतिम पड़ाव में कहा था कि  दिल्ली में कुछ युवतियां मिली थी। उन्होंने रोते हुए बताया था कि उनका यौन शोषण किया गया है। इसी मामले को लेकर दिल्ली पुलिस राहुल गांधी को नोटिस दिया था और जानना चाहा था कि आखिर वे कौन लोग हैं जिनके साथ बुरा बर्ताव किया गया, क्या उसमें कोई नाबालिग भी है।

सबसे पहले 16 मार्च को दिल्ली पुलिस ने उन्हें नोटिस भेजा था। जिसमें कुछ सवाल भी पूछे गए थे। जिसमें कहा गया था कि राहुल गांधी उन महिलाओं के नाम बताएं, जिनके साथ घिनौनी हरकत हुई है। क्या महिलाओं ने इस घटना के बारे में कोई विशेष जानकारी दी थी। पुलिस ने राहुल गांधी से पूछा था कि वे महिलाएं कहां मिली थीं। आदि आदि सवाल पूछे गए थे।

ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर राहुल गांधी इस घटना के बारे में सही जानकारी क्यों नहीं मुहैया करा रहे हैं? क्या वे झूठ बोल रहे हैं? क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी के बचाव में रविवार को कांग्रेसी नेताओं ने बयानबाजी की, उससे संदेह पैदा होने लगा है।

जैसे जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के बीते 45 दिन हो गए, लेकिन अब उस घटना या उस बयान को लेकर क्यों बखेड़ा खड़ा किया जा रहा है। सवाल बयान का नहीं, बल्कि उस घटना का है। जिसके बारे में राहुल गांधी जानते हैं और बयान देते हैं, इतना ही नहीं, वे शासन प्रशासन पर सवाल भी खड़ा करते हैं,लेकिन, जब उनसे इस संबंध में जानकारी मांगी जाती है तो वे टालमटोल करने लगते हैं ? आखिर राहुल गांधी ऐसा क्यों करते है, दो दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि मै एक जिम्मेदार सांसद हूं।

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या इस घटना की सच्चाई देश के सामने नहीं आनी चाहिए ? क्या उन पीड़ित महिलाओं को न्याय नई मिलना चाहिए ? क्या राहुल गांधी की यह जिम्मेदारी नहीं बनती है  कि वे इस मामले को उजागर करने में पुलिस की मदद करें?

अगर, ऐसा वे नहीं करते हैं तो यह साफ़ है कि राहुल गांधी सिर्फ महिलाओं के नाम पर राजनीति करते हैं। इससे पहले भी राहुल गांधी रेप से जुड़े मामले को लेकर बीजेपी शासित राज्यों पर हमला बोलते रहे हैं। इसमें यूपी की हाथरस रेप की घटना सबसे बड़ा उदाहरण है। इस घटना के बाद राहुल गाँधी ही नहीं, प्रियंका गांधी भी आक्रामक थी।

इतना ही नहीं ,दिल्ली में एक बच्ची के साथ हुए रेप मामले में राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार की फोटो सोशल मीडिया पर डाल दी थी। इसके बाद उन्होंने उस समय दिल्ली पुलिस के जांच पर सवाल खड़ा किया था। इस मामले की सबसे बड़ी बात यह थी कि इस मामले में आरोपी एक साधु था। तो राहुल गांधी की नियत हमेशा सवालों के घेरे में रहती हैं। इस बार भी इस मामले में राहुल गांधी की नियत सवालों के घेरे में है।

वैसे, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से यही विवाद नहीं जुड़ा हुआ है। जिस यात्रा को कांग्रेसी नेता राहुल गाँधी की सफलता में से जोड़ रहे हैं, उस यात्रा का पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए चुनाव में कोई करिश्मा देखने को नहीं मिला। लोगों का कहना है कि राहुल गांधी केवल अपने समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए बेसिर पैर की बात करते है, और अपने समर्थकों के भावनाओं से  खेलते हैं।

इसी तरह राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यह भी कहा था कि मध्य प्रदेश में यात्रा के समय तीन गरीब लड़कियां मिली थी, और वे सर्दी से कांप रही थी, उनके शरीर बहुत ही कम  कपडे थे। इसके बाद मैंने यह निर्णय लिया कि जब तक उन्हें ठंड नहीं लगेगी। तब तक मै गरम कपड़ा नहीं पहनूंगा। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सच में राहुल गांधी से वे तीन लड़कियां मिली थी। क्या राहुल गांधी इन लड़कियों की मदद की ? अगर नहीं की तो क्यों नहीं की ? यह बात  राहुल गांधी को बताना चाहिए।

हाँ, यह मालूम है कि राहुल गांधी के पास घर नहीं है, लेकिन राहुल गांधी इतने गरीब भी नहीं है? जितनी वे लड़कियां थी राहुल गांधी के बताये अनुसार? बहरहाल, राहुल गांधी के ऐसे बयान उनके और कांग्रेस के लिए ही घातक हैं। जिस तरह से राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान देश में नफ़रत फैलाते रहे, उससे साफ है कि राहुल मात्र राजनीति के लिए ही ऐसे बयान देते हैं। अब देखना होगा कि राहुल गांधी कब और क्या दिल्ली पुलिस को जानकारी देते हैं।


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