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Saturday, November 23, 2024
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गुजरात की जीत झांकी, मिशन 2024 बाकी

मज़बूत होता ब्रांड मोदी।

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गुजरात की ऐतिहासिक जीत ने ये साबित कर दिया है कि मोदी को अगर कोई हरा सकता है तो वो खुद मोदी ही हैं। पीएम मोदी ने जिस तरह से गुजरात विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की हैं। और उस जीत को बीजेपी की झोली में डाला हैं। उसे देखते हुए साफ है कि गुजरात के बाद आगे आनेवाले 9 राज्यों का विधानसभा चुनाव भी बीजेपी मोदी के चेहरे पर ही लड़ेगी। और 2024 में विपक्ष को देखने मिलेगा मोदी का वह जादू जिसके कारण विपक्ष के सामने वजूद का संकट खड़ा हो जाएगा। क्या है मोदी का मिशन 2024 और किस तरह से बीजेपी मोदी के बलबूते हैट्रिक में तब्दील करने की तैयारी कर रही है। आइए जानते है इसके बारे में- 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में जिस तरह से अपने दम पर बीजेपी को एक मुकाम तक पहुंचाया है। आज के समय में उनका अवधा बीजेपी से बड़ा हो गया है। उनकी कामयाबी देखकर आज विपक्षी दल भी मानने लगी है कि जब तक मोदी है बीजेपी के लिए जीत मुमकिन हैं। यही कारण है कि मोदी के मिशन 2024 में जीत की गारंटी बनती दिखाई दे रही है। क्यूंकी मोदी जितना जानते है उनमें जीतने का महत्ता भी है लेकिन जीत की सबसे बड़ी गारंटी होते हुए भी वो अपने वाहवाही में ढिंढोरा नहीं पीटते है। और 2024 के चुनाव में उनकी यही खासियत विरोधियों को परास्त कर सकती हैं। मोदी अपनी प्रशंसा में तारीफ़ों के पूल बांधते है। बल्कि अपने विरोधियों को कई मौके देते है। जिसमें विरोधी फँसकर अपने ही पैेरो पर कुल्हाड़ी मार देते हैं। विपक्ष द्वारा मोदी को लेकर अपशब्द कहना यह विपक्ष को ही भारी पड़ जाता है।  

गुजरात में भी यही हुआ दरअसल विपक्ष गलतफहमी में रह गई कि महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त जनता इस विधानसभा चुनाव में मोदी को नकार कर काँग्रेस को मौका देगी। जबकि आम आदमी पार्टी इस गलतफहमी में रह गई कि मुफ़्त बिजली और पानी का लालच देकर वो मोदी को उनके ही गढ़ में ढहा देगी। हालांकि विपक्षी भूल गए कि गुजरात की आम जनता में मोदी को लेकर जो भरोसा है साथ ही गुजरात के रोम रोम से वाकिफ मोदी को गुजरात में हराना तो दूर उनको घर में घेरने का सपना देखने की विपक्ष कि नीति उन्हें ही नुकसान पहुँचा गईी। गुजरात का परिणाम इन विपक्षी पार्टियों के लिए एक बड़ा सबक बन गया है। गुजरात चुनाव के दौरान बीजेपी ने हिंदुत्व की अपनी रणनीति पर ज़ोर दिया।  

मोदी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि जब विपक्षी पार्टियां अपने जीत के जश्न में डूबी होती है उस वक्त भी मोदी आगे की रणनीति बना रहे होते हैं। गुजरात में 27 साल से सत्ता पर काबिज बीजेपी की जीत के पीछे भी मोदी की यही मेहनत हैं। जिस पर गुजरात समेत पूरे देश को विश्वास हैं। और मोदी के इसी मेहनत के बलबूते इस बार भी बीजेपी ने गुजरात में अपने ही जीत के तमाम रिकार्ड तोड़ दिए हैं। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी अपनी जीत पर घमंड करनेवालों में से नहीं हैं। वो इस जीत के साथ ही आनेवाले 2024 के आमचुनाव को जीतने की रणनीति बनाने में जुट चुके हैं। और इस बार पार्टी ने अपने सांसदों की संख्या बढ़ाने के लिए जोरदार प्लान बनाया है। जिसमें अगर मोदी कामयाब हुए तो बीजेपी लोकसभा चुनाव में जीत का वो हैट्रिक लगाएगी जो विपक्षी पार्टियों को सीधा क्लीन स्वीप कर देगी।  

दो राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही बीजेपी ने 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसी क्रम में बीजेपी ने उन सीटों को केंद्रित करने का इरादा बनाया है जहां साल 2019 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। बीजेपी द्वारा इन सीटों पर अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए खास तरह का प्लान किया गया है। जिसके आधार पर बीजेपी पिछले चुनाव में की गई गलतियों को सुधारेगी और पूरे ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी। वहीं जहां पार्टी को पिछले लोकसभा में नुकसान झेलना पड़ा था उसे ध्यान में रखते हुए इस बार बीजेपी ने खासतौर पर 144 सीटों पर पीएम मोदी की मेगा रैलियों को आयोजित करने की योजना बनाई हैं। इतना ही नहीं बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए देश के लगभग 13 करोड़ बुजुर्ग जो 60 के उम्र से ज्यादा है उन्हें साथ में लेने के लिए योजना बनाई है जिसमें अगर कामयाबी मिली तो अगले चुनाव में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ने से कोई नहीं रोक सकेगा।  

वहीं मोदी के जीत की एकमात्र सबसे महत्वपूर्ण कारक है पार्टी की समाज के नए वर्गों तक सहजता से और हर समय पहुंचने की क्षमता। इस संदर्भ में, पिछले तीन वर्षों में पीएम मोदी ने स्थानीय समुदाय के लिए जो कुछ भी किया उसी का ठोस परिणाम सामने आया हैं। गुजरात के 27 आदिवासी बहुल निर्वाचन क्षेत्रों में क्लीन स्वीप जो कभी पारंपरिक रूप से कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी यह खुद बयां करने के लिए काफी है। गुजरात में नल से जल योजना द्वारा कवर किए गए 100 प्रतिशत घरों के साथ, यह स्पष्ट है कि यहां सबसे महत्वपूर्ण लाभार्थी गरीब आदिवासी परिवार रहे हैं। उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत पहल, और आकांक्षी जिला कार्यक्रम सभी ने पिछड़े क्षेत्रों में स्पष्ट रूप से सुधार देखा है। इस स्थिति में, राहुल गांधी की ‘आदिवासी’ और ‘वनवासी’ के बीच अंतर करने की कोशिश आदिवासी मतदाताओं को रास नहीं आ रही है। 

ये नए दौर की नई बीजेपी है ये मोदी की बीजेपी हैं, चुनाव छोटा हो या बड़ा मोदी के लिए जीत हमेशा ही बड़ी होती है। गुजरात में मिलनेवाली जीत बस एक ट्रेलर हैे। जबकि पिक्चर 2024 के जीत के साथ सुपर हिट साबित होनेवाला है। बीजेपी का विजय रथ आगे बढ़ रहा हैं। जहां- जहां मोदी जाते है वहाँ मोदी के जादू से भगवा रंग और गहरा होता जाता हैं। जिसका उत्तम उदाहरण है कि गुजरात में 27 साल से जीत रही बीजेपी। मुख्य मंत्री भले ही भूपेन्द्र पटेल रहे हो लेकिन चुनाव लड़ा गया मोदी चेहरे के आधार पर और जीत भी मिली तो मोदी के स्टाइलवाले अंदाज में। बीजेपी गुजरात को मोदी मिशन 2024 का पहला पड़ाव मान कर आगे बढ़ रही हैं। जाहीर है अब बीजेपी कि नजर 2024 में होनेवाले लोकसभा चुनाव के साथ उससे पहले 2023 में होनेवाले विधानसभा चुनाव पर रहेगी। क्यूंकी ये बीजेपी भी जानती है कि 2023 में विधानसभा में मिली जीत लोकसभा की राह आसान बना देगी।  

बात यदि 2023 के विधानसभा चुनाव की करें तो, 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। इसमें कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, और मिजोरम शामिल हैं। गुजरात के बाद मोदी के सामने राजस्थान और छत्तीसगढ़ सबसे बड़ी चुनौती है क्यूंकी यहाँ कॉंग्रेस की सरकार है। साथ ही मध्यप्रदेश में भी दोबारा भगवा लहराने की चुनौती भी होगी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बीजेपी को कोई संदेह नहीं हैं। बीजेपी का नेता तय है, एजेंडा भी सेट है। और रणनीति कुछ इस तरह से तैयार की गई है कि मोदी के नाम पर ही बड़ा चुनावी खेल होगा।  

हालांकि जब बीजेपी साल 1990 के दौर में संघर्ष कर रही थी तब किसी को अंदाज़ा नहीं था कि बीजेपी से कोई मोदी जैसा नेता निकलेगा जो क़द में इतना बड़ा हो जाएगा। फ़िलहाल वर्तमान में ऐसा कोई चेहरा नज़र नहीं आता जो ब्रांड मोदी की जगह ले सके। अभी बीजेपी में जो सक्रिय लोग हैं उनमें ऐसा कोई नहीं लगता जो मोदी की जगह ले सके। मोदी से पहले बीजेपी में अरुण जेटली, सुषमा स्वराज जैसे नेता बड़ा चेहरा थे, हालांकि मोदी इन सबसे बहुत आगे निकल गए। जहां तक 2024 का सवाल है, तो इन नतीजों से बहुत ठोस रूप से ये पता नहीं चलता है कि अगले आम चुनाव में क्या होगा। लेकिन गुजरात में जो नतीजे आए हैं उनसे बीजेपी की एक पार्टी के रूप में ताक़त एक बार फिर स्थापित हुई है।  

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