एक कहावत बड़ी प्रचलित है कि घर बसा नहीं की लुटेरे आ गए। ऐसा ही हाल इंडिया गठबन्धन में देखने को मिल रहा है। मुंबई में गठबंधन की बैठक से पहले कई दलों ने अपने नेता को पीएम उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की है। इसमें कांग्रेस, आप, सपा जेडीयू, टीएमसी शामिल है।
वैसे, लुटेरे “शब्द” का इस्तेमाल कहावत में है। यह इंडिया गठबंधन में शामिल राजनीति दलों के नेताओं के लिए उपयोग नहीं किया गया है। बहरहाल, विपक्ष के “इंडिया” गठबंधन में पीएम उम्मीदवारों की लाइन लग गई है। वर्तमान में पांच ऐसे नेता है जो पीएम उम्मीदवारी के दौड़ में शामिल है। इंडिया गठबंधन में शामिल पांच राजनीति दलों के नेताओं ने खुलेआम अपने नेता का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए सुझाया है। इसमें सबसे पहले नाम आता है कांग्रेस नेता राहुल गांधी का, दूसरे नंबर पर ममता बनर्जी, तीसरे नंबर पर नीतीश कुमार, चौथे अरविंद केजरीवाल, पांचवें नंबर पर अखिलेश यादव हैं। वैसे शरद पवार का भी नाम इस लिस्ट में इन नेताओं से पहले आ चुका है। समय समय पर इसकी चर्चा भी होती रहती है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे का भी नाम भी चर्चा में आया था।
शायद ठाकरे गुट ने इस संबंध में जोरदार मार्केटिंग नहीं की, इसलिए उद्धव ठाकरे चर्चा में नहीं आ पाए। बहरहाल, अब इंडिया गठबंधन में पीएम उम्मीदवारी के लिए सिर फुटव्वल जारी हो गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि कांग्रेस के पीएम उम्मीदवार के तौर पर राहुल गांधी होंगे। ऐसे में बड़ा सवाल है यह कि आखिर अभी यह हाल है तो आगे क्या होगा ? क्या पीएम उम्मीदवारी को लेकर “इंडिया” गठबंधन खींचातान होगी ? वैसे कांग्रेस में यह देखा गया है कि गांधी परिवार में जन्म लेते ही बच्चा पीएम उम्मीदवार हो जाता है। कांग्रेस का इतिहास बताता है कि जवाहर लाल नेहरू के बाद इंदिरा गांधी को पीएम बनाया गया था। उसके बाद राजीव गांधी भी प्रधानमंत्री रहे। सवाल यही है कि क्या और लोग प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं है। शायद कांग्रेस इसका जवाब देने के बजाय भोथरी राजनीति करनी शुरू कर दी है।
इसी के साथ “इंडिया” गठबंधन के शामिल ममता बनर्जी की टीएमसी ने भी उन्हें पीएम उम्मीदवार बनाने की बात कही थी। यह बात तब सामने आई थी कि जब बेंगलुरु की बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि कांग्रेस पीएम उम्मीदवार की इच्छुक नहीं है और न ही वह सत्ता चाहती है। माना जा रहा था कि उस समय राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द थी इसलिए कांग्रेस ने ऐसा विचार रखा था। लेकिन, अब राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो गई है। इसलिए कांग्रेस खुलकर राहुल गांधी की पीएम उम्मीदवारी की बात कर रही है। जुलाई माह में टीएमसी सांसद शताब्दी राय ने ममता बनर्जी को “इंडिया” गठबंधन का पीएम उम्मीदवार बनाने की मांग की थी।
इतना ही नहीं, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी जेडीयू के नेताओं ने पीएम उम्मीदवार बनाए जाने की बात कही थी। वैसे नीतीश कुमार ने ही बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम शुरू की है। शुरू में जब नीतीश कुमार ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोला था तो उन्हें विपक्ष का पीएम उम्मीदवार के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन, जैसे जैसे विपक्ष का कुनबा बढ़ाता गया वैसे वैसे नीतीश कुमार किनारे लगते जा रहे हैं। अगस्त माह में जेडीयू नेता श्रवण कुमार ने कहा था कि नीतीश कुमार को गठबंधन का पीएम उम्मीदवार बनाया जाए ,उन्हें यूपी बिहार के लोग गठबंधन का पीएम उम्मीदवार बनते देखना चाहते हैं। अब शायद नीतीश कुमार को गठबंधन का संयोजक भी न बन पाएं।
बुधवार को आम आदमी पार्टी ने भी अरविंद केजरीवाल का नाम पीएम उम्मीदवार के लिए आगे किया। आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा कि मै चाहूंगी कि अरविंद केजरीवाल इंडिया गठबंधन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनें। उन्होंने कहा कि केजरीवाल मुफ्त बिजली, मुफ्त शिक्षा, मुफ्त पानी और महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध करा रही है ,उन्होंने केजरीवाल अगर पीएम बनते हैं देश में बड़ा बदलाव होगा। बता दें कि केजरीवाल राहुल गांधी से पहले से पीएम बनने का सपना देख रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सीएम के पद से इस्तीफा देकर 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के सामने वाराणसी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। जहां उनकी करारी हार हुई थी। वैसे केजरीवाल ने अपने सपने को पूरा करने के लिए सभी राज्यों में चुनाव लड़ना शुरू कर दिया है। इसी का नतीजा है कि आज केरीवाल कांग्रेस से दो दो हाथ करने के लिए तैयार हो जाती है।
अब बात अखिलेश यादव की, अब उन्हें भी पीएम उम्मीदवारी की लिस्ट में शामिल कर लिया गया है। जी हां। समाजवादी पार्टी चाहती है कि अखिलेश यादव को इंडिया गठबंधन का पीएम उम्मीदवार बनाया जाए। वैसे,कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव 1996 में पीएम पद के उम्मीदवार के रेस में आगे थे। लेकिन उस समय लालू यादव और शरद यादव की आपत्ति के बाद वे प्रधानमंत्री नहीं बन पाए। बाद में पूर्व पीएम एच डी देवगौड़ा और पूर्व पीएम इंद्र कुमार गुजराल के मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री बने थे। अब उनके बेटे अखिलेश यादव को सपा प्रवक्ता जूही सिंह ने पीएम उम्मीदवार बनाये जाने की मांग की है।
ऐसे में यह सवाल उठता है की क्या इंडिया गठबंधन लोकसभा का चुनाव जीतता है तो क्या एक एक साल के लिए ये पीएम बनेंगे। अगर ऐसे ही पीएम के लिए गठबंधन में खींचतान रहा तो सीट शेयरिंग का मुद्दा कैसे सुलझेगा। बहरहाल, इस मुद्दे पर विपक्ष का कहना है कि समय आने पर सभी समस्याओं को सुलझा लिया जाएगा।