-प्रशांत कारुलकर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने आज अबू धाबी में भारत की लोकप्रिय यूपीआई(यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस)सेवा का शुभारंभ किया।यह कदम दोनों देशों के बीच व्यापार और वित्तीय लेनदेन को सुगम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
यूपीआई एक तत्काल, वास्तविक समय, व्यक्ति-से-व्यक्ति (पी2पी) और व्यवसाय-से-व्यक्ति (बी2पी) डिजिटल भुगतान प्रणाली है। इसे 2016 में भारत में लॉन्च किया गया था और तब से यह तेजी से लोकप्रिय हुई है। यूएई में यूपीआई के लॉन्च से भारतीय समुदाय और दोनों देशों के बीच कारोबार करने वाले लोगों को काफी लाभ होगा।
भारत की यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) एक क्रांतिकारी डिजिटल भुगतान प्रणाली है जो न सिर्फ देश में, बल्कि दुनिया भर के आर्थिक ढांचे को बदल रही है। यूपीआई ने भारत में बैंक खातों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि की है, विशेष रूप से ग्रामीण और अनबैंकिंग क्षेत्रों में। स्मार्टफोन और आधार कार्ड से जुड़े रहने पर कोई भी व्यक्ति तुरंत भुगतान कर सकता है या प्राप्त कर सकता है, भले ही उनके पास बैंक खाता न हो। यह वित्तीय समावेश को बढ़ावा देता है और लोगों को अर्थव्यवस्था में भाग लेने का अवसर देता है।
यूपीआई तत्काल और कम लागत वाले भुगतान की सुविधा देता है, जो पारंपरिक तरीकों की तुलना में काफी बेहतर है। नकदी पर निर्भरता कम होती है और लेनदेन तेजी से हो पाते हैं। इससे व्यवसायों के लिए लागत कम हो जाती है और उपभोक्ताओं को भी लाभ होता है।
यूपीआई का उपयोग अब धीरे-धीरे अन्य देशों में भी किया जा रहा है, जैसे कि सिंगापुर और यूएई। इससे प्रवासी भारतीयों और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए सीमा पार लेनदेन को सुगम बनाया जा रहा है। लागत कम होती है और लेनदेन तेजी से होते हैं। यूपीआई डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहा है। ई-कॉमर्स, ऑनलाइन सेवाएं और डिजिटल उद्यमिता को इससे प्रोत्साहन मिल रहा है। यह रोजगार के अवसर भी पैदा करता है और आर्थिक विकास को गति देता है।
यूपीआई के खुले एपीआई ने डेवलपर्स को नए और अभिनव डिजिटल वित्तीय समाधान बनाने का अवसर दिया है। इससे बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और उपभोक्ताओं को बेहतर विकल्प मिले हैं। यूपीआई की सफलता ने इसे एक वैश्विक मानक के रूप में स्थापित करने की क्षमता को प्रदर्शित किया है। अन्य देश इसकी कार्यप्रणाली का अध्ययन कर रहे हैं और इसे अपने यहां लागू करने पर विचार कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा, “यूपीआई का यूएई में शुभारंभ भारत और यूएई के बीच मजबूत आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगा। इससे दोनों देशों के लोगों को व्यापार और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने में मदद मिलेगी।”
यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने भी इस कदम का स्वागत किया और कहा कि यह दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस महत्वपूर्ण पहल से भारत और यूएई के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
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