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Friday, September 20, 2024
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‘सदैव अटल’ पर सवाल, बीजेपी का बवाल   

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राहुल गांधी सोमवार को अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नौ दिन का आराम दिए हैं। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी 24 दिसंबर को ही सदैव अटल समाधि स्थल पर जाने वाले थे, लेकिन समय नहीं मिलने की वजह से नहीं गए थे। गौरतलब है कि यह पहला मौक़ा है जब गांधी परिवार का कोई सदस्य अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की है। इससे पहले गांधी परिवार का कोई  भी सदस्य उनके समाधि स्थल पर कभी नहीं गया था। इस बीच बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमला बोला है। बीजेपी ने कहा कि अगर सही मायने में राहुल गांधी अटल बिहारी का सम्मान करते हैं तो कांग्रेस नेता गौरव पांधी को पार्टी से निकाले। क्योंकि कांग्रेस नेता ने अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान किया है।

अब सवाल उठता है कि गौरव पांधी कौन हैं? जिसे बीजेपी कांग्रेस से निकालने की मांग की है। उसने ऐसा कौन सा गुनाह किया है कि बीजेपी राहुल गांधी को गौरव पांधी को लेकर घेरा।दरअसल, मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेता गौरव पांधी ने अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ एक विवादित ट्वीट किया था। जिसके बाद हंगामा हो गया,गौरव ने ट्वीट में अटल बिहारी वाजपेयी को अंग्रेजों का एजेंट बताया था। जिस पर बीजेपी ने इस ट्वीट की निंदा करते हुए उन्हें पार्टी से निकालने की मांग की है।

जब राहुल गांधी अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देने पहुंचे, तो बीजेपी ने राहुल पर सवाल उठाया। बीजेपी ने कहा कि एक ओर कांग्रेस नेता अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान कर रहे हैं ,दूसरी ओर राहुल गांधी अटल बिहारी वाजपेयी के समाधि स्थल पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं। यह सम्मान कहां तक उचित है। बीजेपी ने राहुल गांधी से मांग की अटल बिहारी वाजपेयी का अपमान करने वाले कांग्रेसी नेता को पार्टी से तत्काल निकाले। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस गौरव पर कार्रवाई करेगी? नहीं, क्योंकि राहुल गांधी खुद वीर सावरकर और अन्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं को अंग्रेजों का हमदर्द बताते रहे हैं। ऐसे में राहुल गांधी से क्या गौरव पांधी पर कार्रवाई करने की उम्मीद की जा सकती है।

हालांकि, विवाद बढ़ने के बाद गौरव ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। उन्होंने यह ट्वीट 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि 1942 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अन्य सदस्यों की तरह अटल बिहारी वाजपेयी ने भी भारत छोडो आंदोलन का बहिष्कार किया था। उन्होंने आंदोलन में शामिल होने वालों की मुखबिरी की थी।  साफ़ बात है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी शुरू से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके नेताओं पर अंग्रेजों का एजेंट बताते रहे हैं। आज राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उसी नेता के समाधि स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि दी। क्या इसमें राजनीति की बू आ रही है ? अगर राहुल गांधी ऐसा करते भी है तो कोई नई बात नहीं होगी। क्योंकि इससे पहले भी राहुल गांधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं को अंग्रेजों का एजेंट बताते रहे हैं।

अटल बिहारी वाजपेयी का नाम महान नेताओं में लिया जाता है।अटल बिहारी वाजपेयी को पक्ष विपक्ष के सभी नेता सम्मान करते थे। उनकी बातें संसद में दोनों पक्ष गंभीरता से सुनते थे। कहा जाता है कि कई कांग्रेसी नेता अटल बिहारी वाजपेयी की तारीफ़ कर चुके हैं। इतना ही नहीं  कहा जाता है कि कांग्रेस नेता कई बार अटल बिहारी वाजपेयी से कह चुके हैं कि आप गलत पार्टी में हो, आप को कांग्रेस में होना चाहिए। ऐसे में कांग्रेस नेता द्वारा अटल बिहारी वाजपेयी पर विवादित ट्वीट करना हास्यप्रद है। ये उस दोगली राजनीति का नमूना है जिस पर कांग्रेस चलती आ रही है।

इससे पहले, राहुल गांधी ने खुद कई बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेताओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी करते रहे है। हाल ही में जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के साथ महाराष्ट्र में थे तो उन्होंने वीर सावरकर का एक पत्र दिखाकर उन पर सवाल उठाया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वीर सावरकर अंग्रेजों से पेंशन लेते थे। जिस पर खूब हंगामा हुआ था। यह मामला इतना तूल पकड़ा था कि महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ राज्य में सरकार बनाने वाली शिवसेना को  इस पर सफाई देनी पड़ी थी। शिवसेना को कहना पड़ा था कि राहुल गांधी के बयान से हमारा कोई लेना देना नहीं है।

ऐसे में अगर कांग्रेस नेता अटल बिहारी वाजपेयी पर विवादित ट्वीट करते है तो आश्चर्य की बात नहीं है। क्योंकि गौरव उसी पार्टी के नेता हैं। जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष पीएम मोदी को रावण बताते हैं। इतना ही नहीं खड़गे ने हाल ही में कहा था कि देश को आजाद कराने में मोदी के घर का कुत्ता भी नहीं मरा था। सोचने वाली है कि कांग्रेस के नेता बार बार आजादी के लिए कांग्रेस  का ही गौरवगान गाते हैं। वे भूल जाते है कि अंग्रेजों से आजादी दिलाने में सामूहिक प्रयास था। किसी एक पार्टी और एक संगठन ने भारत को आजाद नहीं कराया था।

कांग्रेस और उसके नेता यह मानकर चलते हैं कि देश को आजाद कराने में केवल कांग्रेस के ही लोग कुर्बानी दी है। लेकिन यह रत्ती भर सच्चाई नहीं है। मैंने अपनी पिछली वीडियो में कहा हूं कि महात्मा गांधी के पीछे चलने वाली भीड़ में कौन लोग थे ? क्या उनका भारत को आजाद कराने  में सहयोग नहीं था। क्या उनके बिना आजादी मिल सकती थी? नहीं, लेकिन कांग्रेस इस भीड़ की कद्र नहीं करती है। उसे भी बीजेपी और कांग्रेस में बांटती है।

सबसे बड़ी बात यह कि गौरव पांधी को उन चार नेताओं में शामिल हैं,जिन्हे खड़गे ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का समवन्यक नियुक्त किया गया है। ये चार नेता है नासिर हुसैन,प्रणव झा ,गुरदीप सिंह सप्पल और गौरव पांधी हैं। ऐसे में साफ़ है कि गौरव पर खड़गे की छाप देखना को नया नहीं है। बहरहाल, राहुल गांधी ,गौरव पांधी या खड़गे में कोई अंतर दिखाई नहीं देता है  ये नेता बार बार आजादी के मतवालों पर अपने राजनीतिक लाभ के लिए सवाल उठाते रहते हैं।

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