राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा और उसके बाद बोलते रहे हैं कि वे नफ़रत के बाजार में मोहब्बत की दूकान लगाते हैं। लेकिन, राहुल गांधी के राजनीति कैरियर को देखने पर पता चलता है कि जब तब बाहों की आस्तीन चढ़ाने वाले राहुल गांधी केवल राजनीति में नफ़रत ही बोये हैं। राहुल गांधी ने मंगलवार को टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी द्वारा राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाना और उसका वीडियो बनाना कांग्रेस सहित विपक्ष के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर दी है।
जो विपक्ष सांसदों के निलंबन और संसद सुरक्षा चूक के मुद्दे को लेकर आक्रामक था, अब भीगी बिल्ली बन गया है। सभापति धनखड़ के खिलाफ टीएमसी नेता द्वारा की गई मिमिक्री अब विपक्ष के गले की फांस बन गई है। न उसे निगलते बन रहा है और न ही उगलते बन रहा है। विपक्ष अपने बचाव में तमाम दलील दे, मगर सभापति धनखड़ के समर्थन में जाट समाज भी उतर आया है। जाट समाज ने कहा कि जाट समाज के बड़े नेता का अपमान किया गया है, जिसे जाट समाज कभी नहीं भूलेगा। जाट समाज ने कल्याण बनर्जी से माफ़ी मांगने की मांग की है। साथ ही समाज ने राहुल गांधी के रवैया पर भी नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि 75 साल देश पर राज करने वाली पार्टी के नेता का वीडियो बनाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।
सबसे बड़ी बात यह है कि टीएमसी नेता ने मंगलवार को जो किया वह राजनीति तौर पर बिलकुल सही नहीं है। लेकिन, राहुल गांधी का रवैया इस घटना में घी का काम किया है। अगर कल्याण बनर्जी सभापति धनखड़ का मिमिक्री करते तो भी कोई ध्यान नहीं देता, खुद बीजेपी इस मामले को तूल नहीं देती । क्योंकि, कल्याण बनर्जी और टीएमसी का अस्तित्व केवल बंगाल तक ही सीमित है। कल्याण बनर्जी को शायद ही बंगाल से बाहर के लोग जानते है। इसलिए यह मुद्दा आया गया हो गया होता, लेकिन इस घटना में राहुल गांधी की एंट्री ने सारा मामला ही उलट दिया। राहुल गांधी देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता है। इतना ही नहीं, राहुल गांधी पीएम पद के दावेदार भी है। कांग्रेस उन्हें हमेशा पीएम उम्मीदवार बताती रही है। राहुल गांधी कांग्रेस का बड़ा नेता होने के नाते विदेशों में जाते हैं और वहां प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में लेक्चर देते हैं। उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाता है। लेकिन, मंगलवार को राहुल गांधी ने गंभीरता नहीं दिखाई। वे वहां कल्याण बनर्जी द्वारा की जा रही मिमिक्री का वीडियो ही नहीं बना रहे थे, बल्कि हंस हंसकर उन्हें उत्साहित भी कर रहे थे।
यही राहुल गांधी 24 दिसंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था कि बीजेपी ने उनकी छवि को खराब करने के लिए करोडो रुपये खर्च किया। सवाल यहां यही उठता है कि क्या बीजेपी ने सभापति धनखड़ का वीडियो बनाने को कहा था। नहीं, लेकिन कुछ लोग फटे में टांग अड़ाने की आदत होती है। और राहुल गांधी ने वही किया। राहुल गांधी ऐसे नेता हैं जो बार बार अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारते हैं, और इसका असर राहुल गांधी के साथ पार्टी पर भी पड़ता है। जिस मुद्दे से कभी कांग्रेस को पाला नहीं पड़ा होता है। उस मुद्दे को राहुल गांधी लेकर आते हैं, जिससे पार्टी और उनकी किरकिरी होती है।
वहीं, सांसदों के निलंबन पर जिस तरह से विपक्ष ने सत्ता दल का विरोध किया वह जायज है, लेकिन, एक बुजुर्ग व्यक्ति के शरीर और हावभाव को लेकर जिस तरह से मजाक बनाया गया उसे कतई सही नहीं ठहराया जा सकता है, भारत में ऐसी संस्कृति नहीं है, यहां लोग बड़े बुजुर्गों का सम्मान करते हैं। वहीं, इसके अलावा राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ एक संवैधानिक पद पर है, साथ ही देश के उपराष्ट्रपति है। अगर विपक्ष उनके हावभाव को लेकर मिमिक्री करता है तो यह समझ से परे है और भारतीय संस्कृति के खिलाफ है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मिमिक्री किसी आम आदमी द्वारा नहीं की गई, बल्कि एक सांसद द्वारा किया गया जिसे जनता उसके अधिकार की रक्षा के लिए संसद में भेजती है।
अब सवाल है कि इस विवाद का लोकसभा चुनाव पर क्या असर होगा। तो कहा जा सकता है कि हां। बुधवार को दिल्ली के जाट समाज ने पंचायत की। इसके बाद जाट समाज के एक नेता ने कहा कि हमारे सबसे बड़े नेता का अपमान हुआ है। जिसका हम बदला लेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सामने आकर माफ़ी मांगे नहीं तो आगामी लोकसभा चुनाव में धूल चटा देंगे। दरअसल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में बड़े पैमाने पर जाट समाज है। जो राजनीति रूप से बहुत मजबूत है। चुनाव के समय जाट समाज का एकमुश्त वोट उसी राजनीति दल को मिलता है, जिसे समाज देने की अपील करता है। इस तरह से कहा जा सकता है कि अगर जाट समाज धनखड़ के अपमान के बदले में कांग्रेस का बहिष्कार करे तो इसका नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है। पश्चिम उत्तर प्रदेश को जाट लैंड कहा जाता है। यहां 17 फीसदी आबादी जाट समाज की है जो चुनाव में निर्णायक भूमिका में होते हैं। वहीं हरियाणा में जाट आबादी 25 प्रतिशत के आसपास है। अगर राजस्थान की बात करें तो राज्य में 10 प्रतिशत की आबादी है।
बहरहाल, ऐसे कई मौके आये हैं जब जब विपक्ष सत्ता दल पर बढ़त बनाये रखा था। लेकिन राहुल गांधी ने ऍन मौके पर एंट्री कर सब गुड़ गोबर किया है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जब राहुल गांधी महाराष्ट्र में एंट्री की तो उनका महाविकास आघाडी के दल बड़े जोरशोर से स्वागत किया। इस यात्रा में उद्धव ठाकरे के बेटा आदित्य ठाकरे भी शामिल हुए थे। लेकिन उसी समय राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एक पेपर लहराते हुए कहा था कि वीर सावरकर ने अंगरेजों से माफ़ी मांगी थी। इस पर खूब हंगामा हुआ था। उस समय बीजेपी ने उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया था। तब उद्धव ठाकरे ने भी राहुल गांधी पर हमला बोला था। इसके बाद शरद पवार ने भी दिल्ली में राहुल गांधी को इस मामले को भविष्य में न उठाने की नसीहत दी थी।
ऐसे कई उदाहरण है जहां कांग्रेस नेता ने विपक्ष का खेल बिगाड़ा है। सबसे बड़ा उदाहरण है हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधान सभा चुनाव से से पहले राहुल गांधी के मुंह से यह निकल गया गया था कि राजस्थान जा रहा है मध्य प्रदेश जा रहा है छत्तीसगढ़ जा रहा है। उनकी भविष्यवाणी सही साबित हुई और तीनों राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी है। पीएम मोदी को पनौती बताने वाले राहुल गांधी जहां जाते हैं वहीं मामला खराब कर देते हैं। वर्तमान घटना के लिए अगर कोई जिम्मेदार है तो राहुल गांधी। वे बीजेपी को बैठे बैठाए मुद्दा देते रहे हैं।
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