27 C
Mumbai
Sunday, December 7, 2025
होमदेश दुनियाअसम में 10 महीने के बच्चा मिला एचएमपीवी संक्रमित!, सर्दी-जुकाम से पीड़ित...

असम में 10 महीने के बच्चा मिला एचएमपीवी संक्रमित!, सर्दी-जुकाम से पीड़ित था!

ह्यूमन मोटान्यूमो वायरस, जिसे एचएमपीवी के छोटे नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है।  

Google News Follow

Related

चीन में तेजी से एचएमपीवी का कहर दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है|इस वायरस की अब भारत में भी इंट्री हो चुकी है। देश में कर्नाटक, तमिलनाडु, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, अब असम का भी नाम इस सूची में जुड़ गया है। यहां 10 महीने के एक बच्चे में एचएमपीवी संक्रमण का पता चला है। बच्चे का डिब्रूगढ़ स्थित असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एएमसीएच) में इलाज हो रहा है। उसकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही।

एएमसीएच के अधीक्षक डॉ. ध्रुबज्योति भुइंया ने बताया कि बच्चा चार दिन पहले सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के कारण अस्पताल में भर्ती हुआ था। कल हमें लाहोवाल स्थित आईसीएमआर-आरएमआरसी से परीक्षण रिपोर्ट मिली, जिसमें एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई।

लाहोवाल स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र एनई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिस्वजीत बोर्काकोटी ने बताया, ‘2014 से अब तक हम डिब्रूगढ़ जिले में 110 एचएमपीवी मामलों का पता लगा चुके हैं। यह इस मौसम का पहला मामला है। यह हर साल पाया जाता है और इसमें कुछ नया नहीं है। एएमसीएच से हमें जो नमूना मिला था, वह एचएमपीवी पॉजिटिव पाया गया।’

उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू जैसे मामलों के लिए नियमित रूप से नमूने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) को भेजे जाते हैं। यह एक नियमित जांच थी, जिसमें संक्रमण का पता चला। बच्चे की हालत स्थिर है। यह एक सामान्य वायरस है और चिंता की कोई बात नहीं है। 

ह्यूमन मोटान्यूमो वायरस, जिसे एचएमपीवी के छोटे नाम से भी जाना जाता है, इंसानों की श्वसन प्रक्रिया पर प्रभाव डालने वाला वायरस है। इसकी पहली बार पहचान 2001 में हो गई थी। तब नीदरलैंड के वैज्ञानिकों ने इसका पता लगाया था। यह पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। श्वसन संबंधी अन्य वायरस की तरह यह भी संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने के दौरान उनके करीब रहने से फैलता है।  

एचएमपीवी का किस पर और कितना असर?: यह मुख्य तौर पर बच्चों पर असर डालता है। हालांकि, कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों और बुजुर्गों पर भी इसका प्रभाव दर्ज किया गया है। इस वायरस की वजह से लोगों को सर्दी, खांसी, बुखार, कफ की शिकायत हो सकती है। ज्यादा गंभीर मामलों में गला और श्वांस नली के जाम होने से लोगों के मुंह से सीटी जैसी खरखराहट भी सुनी जा सकती है।

चूंकि इसके लक्षण कोरोना वायरस संक्रमण और आम फ्लू से मिलते-जुलते हैं, इसलिए इन दोनों में अंतर बता पाना मुश्किल है। हालांकि, जहां कोरोना वायरस की महामारी हर सीजन में फैली थी। वहीं एचएमपीवी अब तक मुख्यतः मौसमी संक्रमण ही माना जा रहा है। हालांकि, कई जगहों पर इसकी मौजूदगी पूरे साल भी दर्ज की गई है।

2023 में एचएमपीवी के कई मामले नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अमेरिका और चीन में दर्ज किए गए हैं। बीजिंग की कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के यू’आन अस्पताल में श्वसन और संक्रामक रोग विभाग के मुख्य चिकित्सक ली तोंगजेंग के मुताबिक, मास्क पहनने, हाथों को लगातार धोने और प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने से बीमारी से राहत मिल सकती है।

यह भी पढ़ें-

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; PM ने दी शुभकामनाएं, सीएम योगी करेंगे रामलला की महाआरती!

National Stock Exchange

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Star Housing Finance Limited

हमें फॉलो करें

151,709फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
284,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें