उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके एक साथी गुलाम को यूपी एसटीएफ ने झांसी में मुठभेड़ में मार गिराया। पुलिस के मुताबिक दोनों के पास से अत्याधुनिक विदेशी हथियार बरामद किए गए हैं। प्रयागराज में उमेश पाल और उसके दो गनर्स की हत्या के बाद असद और गुलाम फरार थे। दोनों पर पाँच-पाँच लाख का इनाम था। झांसी में गुरुवार को एसटीएफ की एक टीम ने जब मोटरसाइकिल से भागने की कोशिश कर रहे असद और गुलाम को रोका, तो दोनों ने एसटीएफ टीम पर गोलियां चलाईं। वहीं एसटीएफ की जवाबी कार्रवाई में असद और गुलाम मारे गए।
उमेश पाल हत्याकांड के बाद असद और शूटर गुलाम को सुरक्षित रखना अतीक और अशरफ के लिए चुनौती बन गया था। वहीं दोनों आरोपियों के मुठभेड़ के बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है कहा जा रहा है कि अतीक अहमद ने अपने बेटे असद की फरारी के दौरान अंतरराष्ट्रीय माफिया डॉन अबू सलेम की मदद ली थी। असद को छिपाने के लिए यह मदद ली गई थी। वहीं सूत्रों के मुताबिक अतीक ने इस मामले में दिल्ली के एक बड़े राजनेता की भी मदद ली थी। वहीं असद के लिए मुंबई में रुकने का इंतज़ाम किया गया था। खबर यह भी है कि झांसी में जिस जगह एनकाउंटर हुआ वहां पर पर 26 फरवरी को यहाँ आकार ठहरा था, शूटर गुड्डू मुस्लिम यहाँ तीन दिनों तक छिपा था। 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड को अंजाम देने के बाद गुड्डू यहीं पर आया था।
उमेश पाल की हत्या के तीन दिन बाद पुलिस ने ड्राइवर अरबाज को नेहरू पार्क के पास मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इसके बाद पुलिस के हाथ शूटर विजय चौधरी उर्फ उस्मान लगा, उसे भी मुठभेड़ में मार गिराया गया। उस्मान ने ही उमेश पाल को पहली गोली मारी थी। अब एसटीएफ को वारदात में शामिल तीन अन्य शूटरों गुड्डू मुस्लिम, साबिर और अरमान की तलाश है। वहीं उमेश पाल की हत्या की साजिश रचने के दौरान अतीक, अशरफ, शाइस्ता, असद और शूटरों के घंटों तक मोबाइल पर बातचीत के पुख्ता प्रमाण एसटीएफ को मिले हैं।
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