चार धामों में से एक जोशीमठ गांव, जो बद्रीनाथ का प्रवेश द्वार है| यहां भूस्खलन से पांच सौ से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहां खतरनाक घरों में रहने वाले 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 600 परिवारों को तत्काल स्थानांतरित करने का आदेश दिया|
गुरुवार से जोशीमठ गांव की सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें नजर आने लगी हैं, वहीं कई जगह भूस्खलन भी हुआ है| साथ ही पांच सौ से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा है। घरों के खतरनाक होने से कई परिवारों को हाड़ कंपा देने वाली ठंड में रात गुजारनी पड़ी। प्रशासन पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए नागरिकों ने शुक्रवार को सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया।
जोशीमठ में चल रहे नेशनल थर्मल पावर प्रोजेक्ट से गांव के लिए खतरा पैदा होने का आरोप लगाते हुए नागरिकों ने शुक्रवार को बंद रखा और प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की| मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज जोशीमठ का दौरा कर वहां के हालात की जानकारी लेंगे| मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “भाजपा की एक टीम जोशीमठ भेजी गई है।”
जोशीमठ में 560 घरों में दरारें पड़ने और कई जगहों की जमीन गिरने से जोशीमठ के नागरिकों ने भी शुक्रवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन किया| लोग प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर उतर आए। दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे। जोशीमठ रेस्क्यू संघर्ष कमेटी के संयोजक अतुल सती ने कहा कि कुछ नागरिकों ने सड़क जाम कर दिया| प्रशासन ने हाई रिस्क वाले घरों से 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है|
कांग्रेस ने धामी सरकार पर इस मुद्दे को नजरअंदाज करने का भी आरोप लगाया। जोशीमठ में लगातार भूस्खलन हो रहा है। कई घरों में दरारें पड़ने से डरे-सहमे नागरिकों को कड़ाके की ठंड में सड़कों पर रात गुजारनी पड़ रही है| लेकिन भाजपा को केवल सत्ता चाहिए, धामी सरकार नागरिकों के कल्याण की परवाह किए बिना गहरी नींद में है। कांग्रेस ने कहा है कि जोशीमठ को बचाने के लिए तत्काल उचित कदम उठाए जाने चाहिए|
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