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भारत सीमा के पास चीन ने बनाया नया एयर डिफेंस बेस, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा!

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भारत-चीन सीमा के पास पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील के नजदीक चीन ने एक नया एयर डिफेंस कॉम्प्लेक्स तैयार किया है। सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि इस परिसर में कमांड एंड कंट्रोल बिल्डिंग, बैरक, वाहन शेड, हथियार भंडारण केंद्र और रडार स्टेशन बनाए गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बेस की सबसे अहम विशेषता है। कवर्ड मिसाइल लॉन्च पोजिशन, जो संभवतः रिट्रैक्टेबल रूफ (खुलने-बंद होने वाली छतों) से लैस हैं। इनका इस्तेमाल ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर (TEL) वाहनों द्वारा मिसाइल दागने के लिए किया जा सकता है।

यह नया बेस पैंगोंग झील के पूर्वी तट पर स्थित है, जो 2020 में भारत-चीन सीमा पर हुई झड़पों के एक हॉटस्पॉट से करीब 110 किलोमीटर की दूरी पर है। अमेरिका स्थित ऑलसोर्स एनालिसिस (AllSource Analysis) नामक जियो-इंटेलिजेंस फर्म ने इस बेस के डिजाइन की पहचान की है। उनका कहना है कि इस संरचना की एक प्रतिलिपि (रेप्लिका) गर काउंटी में भी मौजूद है, जो लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से लगभग 65 किलोमीटर दूर है — ठीक भारत के हाल ही में अपग्रेड किए गए न्योमा एयरबेस के सामने।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कॉम्प्लेक्स चीन के HQ-9 लॉन्ग-रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम (SAM) के लिए तैयार किया गया है। सैटेलाइट कंपनी Vantor द्वारा 29 सितंबर को ली गई तस्वीरों में गर काउंटी स्थित इस बेस की कुछ लॉन्च पोजिशन की छतें खुली दिखाई दीं, जिनके नीचे लॉन्चर मौजूद हो सकते हैं।

ऑलसोर्स एनालिसिस ने अपने नोट में लिखा,“इन कवर्ड लॉन्च पोजिशनों में ऐसे रूफ हैं जिनमें हैच बने हुए हैं, जिससे लॉन्चर मिसाइल दागते समय अंदर से ही ऑपरेट हो सकते हैं। यह डिज़ाइन सिस्टम को दुश्मन की निगाहों से छिपाने और हवाई हमलों से बचाने में मदद करता है।”

यह पहली बार है जब भारत-तिब्बत सीमा के इतने पास इस तरह की सुरक्षित मिसाइल लॉन्च संरचना देखी गई है। हालांकि, दक्षिण चीन सागर के विवादित द्वीपों पर चीन पहले भी ऐसे ही संरक्षित ठिकाने बना चुका है।

इस बेस का शुरुआती निर्माण चरण जुलाई के अंत में जियोस्पेशल शोधकर्ता डेमियन सायमोन ने पहचाना था, लेकिन उस समय मिसाइल लॉन्च पोजिशनों का वास्तविक स्वरूप स्पष्ट नहीं था। अब ताज़ा तस्वीरों में यह साफ हुआ है कि इस कॉम्प्लेक्स में वायर्ड डेटा कनेक्शन इंफ्रास्ट्रक्चर भी बिछाया गया है, जिससे HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम के विभिन्न हिस्से कमांड सेंटर से जुड़े रहेंगे।

फिलहाल, पैंगोंग झील के पास वाला परिसर अभी निर्माणाधीन है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि इसका निर्माण पूरा होते ही यह भारत के लिए एक सामरिक चुनौती बन सकता है, क्योंकि इससे चीन को क्षेत्र में हवाई निगरानी और मिसाइल रक्षा क्षमता में बड़ा फायदा मिलेगा।

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