“बहुध्रुवीय विश्व आ रहा है” ट्रंप-शी शिखर वार्ता से पहले चीनी विदेश मंत्री का बयान !

“बहुध्रुवीय विश्व आ रहा है” ट्रंप-शी शिखर वार्ता से पहले चीनी विदेश मंत्री का बयान !

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अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव में कमी के संकेतों के बीच, चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने सोमवार (27 अक्तूबर)को कहा कि “बहुध्रुवीय विश्व आ रहा है।” उनका यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह दक्षिण कोरिया में होने वाली अहम मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं।

बीजिंग में एक अंतरराष्ट्रीय मंच को संबोधित करते हुए वांग यी ने बिना किसी देश का नाम लिए अमेरिका पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा, और कहा कि व्यापार व आर्थिक मुद्दों को राजनीतिक हथियार बनाना वैश्विक स्थिरता के लिए हानिकारक है। वांग ने कहा,“समझौतों से बार-बार पीछे हटना, वादों को तोड़ना और गुटबाज़ी में शामिल होना, इन सबने बहुपक्षीय व्यवस्था को अभूतपूर्व संकट में डाल दिया है।”

उन्होंने आगे कहा,“इतिहास की धारा को रोका नहीं जा सकता, एक बहुध्रुवीय विश्व आ रहा है। अब समय है कि हम आर्थिक व व्यापारिक मुद्दों का राजनीतिकरण बंद करें, कृत्रिम रूप से वैश्विक बाजारों को विभाजित करना छोड़ें और व्यापार युद्धों व शुल्क लड़ाइयों से बचें।”

गुरुवार को दक्षिण कोरिया में होने वाली ट्रंप-शी मुलाकात को दोनों देशों के बीच व्यापार विवाद में संभावित प्रगति के रूप में देखा जा रहा है। यह बैठक ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने की बातचीत होगी। अमेरिका द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में नए व्यापक शुल्क लगाने के बाद दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि, हाल के सप्ताहों में बातचीत के संकेत मिले हैं।

अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और चीन के उप-प्रधानमंत्री हे लीफ़ेंग ने दो दिन की वार्ता पूरी की है, जिसके बाद दोनों पक्षों ने प्रगति का संकेत दिया। चीन के उप-वाणिज्य मंत्री ली चेंगगैंग ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच “प्रारंभिक सहमति” बन चुकी है। वहीं, बेसेंट ने अमेरिकी चैनल एबीसी से बातचीत में कहा कि “अतिरिक्त शुल्क टाल दिए गए हैं,” और समझौते में दुर्लभ खनिजों तथा अमेरिकी सोयाबीन निर्यात को लेकर महत्वपूर्ण प्रगति हुई है।

विश्लेषकों का मानना है कि वांग यी का यह बयान चीन की उस कूटनीतिक नीति का हिस्सा है, जिसमें बीजिंग खुद को एक समानांतर वैश्विक ध्रुव के रूप में प्रस्तुत कर रहा है। विशेष रूप से ऐसे समय में जब अमेरिका अपने व्यापारिक और सामरिक गठबंधनों को पुनर्परिभाषित कर रहा है।

ट्रंप और शी की आगामी बैठक के नतीजे यह तय करेंगे कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा में सहयोग की गुंजाइश कितनी बची है। दुनियाभर के बाज़ारों की निगाहें अब इस गुरुवार पर टिकी हैं, क्या वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच नई व्यापार शांति का दौर शुरू होगा, या यह केवल एक कूटनीतिक विराम साबित होगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

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