उत्तर दिल्ली के गांधी विहार इलाके में कुछ सप्ताह पहले हुए एक कथित एसी ब्लास्ट हादसे का राज़ अब खुल चुका है। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को खुलासा किया कि यह कोई हादसा नहीं बल्कि एक योजनाबद्ध हत्या थी, जिसे प्रेम, बदला और फॉरेंसिक दिमाग की खतरनाक साजिश ने जन्म दिया। मृतक 32 वर्षीय एक यूपीएससी अभ्यर्थी रामकेश मीणा के रूप में हुई है। उसकी लिव-इन पार्टनर अमृता चौहान (21) फॉरेंसिक साइंस की छात्रा है, उसने अपने पूर्व प्रेमी और एक एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर सुमित कश्यप (27) और उसके दोस्त संदीप कुमार (29) के साथ मिलकर यह हत्या की। तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के निवासी हैं।
पुलिस के अनुसार, अमृता और सुमित ने अपने-अपने ज्ञान फॉरेंसिक और गैस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर हत्या को एक एसी ब्लास्ट हादसा दिखाने की कोशिश की। जांच में खुलासा हुआ कि मीणा की हत्या कर फ्लैट में आग लगाई गई, ताकि पुलिस इसे दुर्घटना माने।
डीसीपी (नॉर्थ) राजा बंथिया ने बताया कि तीनों आरोपी 5-6 अक्टूबर की रात मुरादाबाद से दिल्ली आए थे। सीसीटीवी फुटेज में दो नकाबपोश पुरुष और एक महिला फ्लैट में प्रवेश करते दिखे। करीब 2:57 बजे रात, महिला और एक व्यक्ति बाहर निकलते हैं, और कुछ ही मिनटों बाद भारी विस्फोट होता है। डीसीपी बंथिया,“सीसीटीवी और फॉरेंसिक रिपोर्ट से साफ़ हो गया कि यह आगजनी नहीं बल्कि हत्या थी।”
पुलिस पूछताछ में अमृता ने बताया कि वह मई से मीणा के साथ रह रही थी। लेकिन जब उसे पता चला कि मीणा ने उसकी निजी वीडियो रिकॉर्डिंग कर रखी है और बार-बार अनुरोध के बावजूद उन्हें डिलीट नहीं कर रहा, तो वह मानसिक रूप से टूट गई। उसने यह बात अपने पूर्व प्रेमी सुमित को बताई, जिसने उसे सबक सिखाने की योजना बनाई और अपने दोस्त संदीप को साथ लिया।
6 अक्टूबर की रात तीनों गांधी विहार पहुंचे। फ्लैट में प्रवेश कर उन्होंने मीणा को गला घोंटकर और डंडे से मारकर हत्या कर दी। उसके बाद घी, तेल और शराब डालकर शव को जलाया गया और गैस सिलेंडर का वाल्व खोलकर धमाका कराया गया, ताकि यह दुर्घटना लगे।
हत्या के बाद तीनों ने फ्लैट को भीतर से लॉक कर दिया, और दरवाज़े में बने एक छोटे छेद से बाहर निकल गए। कुछ ही मिनटों बाद सिलेंडर फट गया। पुलिस को मौके से जला हुआ शव, विस्फोट के निशान और संदिग्ध बर्न पैटर्न मिले, जिसने जांच की दिशा बदल दी।
पुलिस ने अमृता का मोबाइल लोकेशन डेटा और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स ट्रेस किए, जिससे उसकी मौजूदगी घटना स्थल पर पाई गई। 18 अक्टूबर को उसे गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने जुर्म कबूल करते हुए अपने साथियों के नाम बताए। इसके आधार पर सुमित को 21 अक्टूबर और संदीप को 23 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस का कहना है कि अमृता की फॉरेंसिक साइंस की पढ़ाई और क्राइम वेब सीरीज़ के प्रति आकर्षण ने उसे इस तरह की साजिश रचने में मदद की। उसने हत्या को एक ‘परफेक्ट क्राइम’ दिखाने की कोशिश की, मगर तकनीकी जांच ने सब उजागर कर दिया।
इंस्पेक्टर पंकज तोमर (थाना तिमारपुर) की टीम ने तकनीकी सर्विलांस, कॉल रिकॉर्ड्स और स्थानीय खुफिया सूचना की मदद से पूरे घटनाक्रम की कड़ियां जोड़ीं। पुलिस ने आरोपियों से हार्ड डिस्क, मोबाइल फोन, कपड़े और बैग बरामद किए हैं। वर्तमान में तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं। उन पर हत्या, आपराधिक साजिश और सबूत मिटाने की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
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