राजस्थान के अजमेर में लौंगिया इलाके में मंगलवार (18 फरवरी) तड़के कंचे खेल रहे बच्चों के बीच मामूली कहासुनी ने सांप्रदायिक हिंसा का रूप लिया। स्थिति तेजी से बिगड़ गई और छह से अधिक लोग घायल हो गए। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आसपास के नौ थानों से पुलिस बल को तैनात करना पड़ा।
गंज पुलिस स्टेशन के SHO के अनुसार शुरुआती जांच में पता चला है कि यह झड़प कंचे खेल रहे कुछ बच्चों के बीच मामूली झगड़े के कारण हुई। बच्चों के झगड़े में दो समुदाय के लोग आपस में भिड़ गए। देखते ही देखते दोनों समूहों के बीच हिंसक झड़प हो गई जिसमें तलवारें, डंडे और पत्थरबाजी हुई। पुलिस ने घटना में शामिल कुछ लोगों को हिरासत में लेकर तलाश शुरू की है। मामले में पुलिस को शिकायत मिली है।
वाल्मीकि समुदाय से ताल्लुक रखने वाली भारती ने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने उसके परिवार के कई सदस्यों पर तलवारों, डंडों और पत्थरों से हमला किया। उसने कहा कि इलाके में कुछ अवैध अप्रवासी रह रहे हैं और इसी तरह की कई घटनाओं में शामिल रहे हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वाल्मीकि समुदाय के लोगों ने दोषियों के खिलाफ कारवाई की मांग को लेकर थाने का घेराव किया।
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लौंगिया में हुई हिंसा के विरोध में हिंदू समुदाय के कई लोगों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और रेंज आईजी के नाम अजमेर एसपी को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों ने असामाजिक तत्वों के खिलाफ त्वरित और सख्त कारवाई की मांग की। सकल हिंदू समाज के संयोजक सुनील दत्त जैन ने खुलासा किया की लौंगिया के पहाड़ी इलाके में बांग्लादेशी रोहिंग्या रह रहे हैं। उन्होंने बताया की बांग्लादेशी रोहिंग्याओं ने हिंदुओं के घरों पर पथराव किया और हिंदू समुदाय के लोगों ने उनका विरोध किया, उन पर हथियारों से हमला किया गया। जैन ने मामले में त्वरित कारवाई करने और दोषियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस का आभार प्रकट किया है। हालांकि हिंदुओ ने इलाके में शांति बनाए रखने के लिए अवैध बांग्लादेशी रोहिंग्याओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।