बहराइच के लियाकत अली परिवार के साथ एक साल से जम्मू में रह रहे थे। भारत-पाकिस्तान में बढ़ी रार के बाद वे अपनी गृहस्थी छोड़कर घर लौट आए हैं। अमर उजाला से बातचीत में उन्होंने बताया कि जम्मू में मेरी तरह करीब 20 परिवार पेंटिंग का काम करते हैं। जब से युद्ध शुरू हुआ ज्यादातर लोगों ने शहर छोड़ दिया है।
जम्मू में एक महीने पहले सोने का कारोबार शुरू करने वाले आमगीर भी अपने परिवार के साथ घर लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि सोचा था कि वहां कारोबार अच्छा चलेगा, लेकिन दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव से सब चौपट हो गया हो। पठानकोट में भयावह स्थिति अभी भी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि जम्मू में जो भी बाहर के लोग हैं वे अब शहर छोड़ रहे हैं।
सकलीन और मुनीरुल दोनों सगे भाई हैं। बताते हैं कि उन्होंने जम्मू में चार महीने पहले गोल्ड पॉलिश का कारोबार शुरू किया था। लेकिन, अब शहर छोड़कर घर लौटना पड़ा है। उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के पुंछ, पठानकोट, नगरोटा व अन्य क्षेत्रों में पाकिस्तान की ओर से हमले किए गए। युद्ध के भय से स्थानीय लोगों का घर से बाहर निकलना भी दुश्वार हो गया है।
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