अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ 15 अरब डॉलर का मानहानि और मानहानिकारक रिपोर्टिंग का मुकदमा दायर किया है। ट्रंप का आरोप है कि अखबार ने उनके और दिवंगत यौन शोषण अपराधी जेफ्री एप्सटीन के बीच कथित संबंधों पर झूठी और दुर्भावनापूर्ण खबरें प्रकाशित कीं।
सोमवार को ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा, “आज मुझे 15 अरब डॉलर का मानहानि और लिबेल मुकदमा न्यूयॉर्क टाइम्स के खिलाफ दायर करने का सम्मान मिला है। यह अमेरिका के इतिहास का सबसे घटिया और डिग्रेडेड अखबार है, जो वर्चुअली डेमोक्रेट पार्टी का ‘माउथपीस’ बन चुका है। उन्होंने कमला हैरिस को समर्थन देते हुए अपनी फ्रंट पेज पर एडिटोरियल छापा, जो पूरी तरह एक अवैध चुनावी चंदे जैसा है।”
ट्रंप ने अखबार पर आरोप लगाया कि उसने दशकों से उनके, उनके परिवार, व्यवसाय, MAGA मूवमेंट और अमेरिका फर्स्ट विचारधारा के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से झूठ फैलाया है। उन्होंने कहा,“न्यूयॉर्क टाइम्स को बहुत लंबे समय से झूठ बोलने और बदनाम करने की खुली छूट मिली हुई है। अब यह बंद होगा। यह केस फ्लोरिडा राज्य में दायर किया जा रहा है।”
ट्रंप ने दावा किया कि न्यूयॉर्क टाइम्स की तरह ही अन्य मीडिया नेटवर्क्स,जैसे ABC, Disney, CBS के खिलाफ भी उन्होंने मुकदमे किए, जिनमें बड़े सेटलमेंट हुए। उन्होंने इसे “सिस्टमेटिक डिफेमेशन” बताया।
हाल ही में अमेरिकी हाउस कमेटी ने एप्सटीन से जुड़े कुछ दस्तावेज जारी किए थे। इनमें ट्रंप को एप्सटीन की ओर से उनके 50वें जन्मदिन पर भेजे गए संदेश और तस्वीरें शामिल थीं। इनमें से कुछ हल्के-फुल्के शुभकामना संदेश थे, जबकि कुछ अश्लील और संकेतात्मक लिखावट और तस्वीरें भी थीं।
एक स्केच के भीतर लिखा संदेश ट्रंप के हस्ताक्षर के साथ सामने आया, लेकिन ट्रंप ने इसे फर्जी बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने एप्सटीन से संबंध बहुत पहले ही खत्म कर लिए थे, जब उसके अपराध सार्वजनिक नहीं हुए थे। ट्रंप इससे पहले वॉल स्ट्रीट जर्नल और उसके मालिक रूपर्ट मर्डोक पर भी एप्सटीन फाइलों की रिपोर्टिंग को लेकर मुकदमा दायर कर चुके हैं।
गौरतलब है कि जेफ्री एप्सटीन की 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में मौत हो गई थी, जबकि उसकी सहयोगी गिसलेन मैक्सवेल इस समय सेक्स ट्रैफिकिंग और शोषण के मामलों में जेल की सजा काट रही है। ट्रंप का यह कदम अमेरिका में मीडिया और राजनीति के टकराव को और तेज करने वाला माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस पर होंगी कि अदालत इस हाई-प्रोफाइल मुकदमे पर क्या रुख अपनाती है।
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