पूर्वी लद्दाख में सैन्य तैनाती के बाद से चीन और भारत के बीच में पिछले 2 साल से गंभीर टकराव चल रहा है| इसी बीच चीन की ओर से भारत के बिजली डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को पंगु बनाने के लिए 2 बार साइबर अटैक की बात सामने आई है| जिसे भारत की ओर से विफल कर दिया गया है|
इस मुद्दे पर चोरी और सीनाजोरी वाली रवैये का प्रदर्शन करते हुए चीन ने साइबर हैकिंग के आरोप से इनकार किया है| ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा है कि साइबर घटनाओं की जांच में पूरे सबूत होने चाहिए| इस प्रकार बिना जांच के किसी भी दूसरे देश के साथ संबंध नहीं जोड़ना चाहिए|
Two attempts by Chinese hackers were made to target electricity distribution centres near Ladakh but were not successful… We've already strengthened our defence system to counter such cyber attacks: RK Singh, Union Minister for Power and New & Renewable Energy pic.twitter.com/FSUck06Jai
— ANI (@ANI) April 7, 2022
सूत्रों के मुताबिक रेडइको नाम के हैकिंग ग्रुप का नाम इस साइबर अटैक में सामने आया है|अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यह ग्रुप अप्रत्यक्ष तरीके से चीन सरकार से जुड़ा है|पावर ग्रिड पर साइबर अटैक करके यह ग्रुप आर्थिक और पारंपरिक खुफिया जानकारी जुटाते हैं, जिससे भविष्य में जंग होने पर वास्तव में साइबर अटैक कर उस देश के बिजली डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम को पंगु किया जा सके|
हैकिंग को अंजाम देने वाले ग्रुप का नाम TAG-38 है| इस ग्रुप ने अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए ShadowPad नाम का एक खतरनाक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया है| इस सॉफ्टवेयर के तार पहले चीनी सेना से जुड़ चुके हैं|
जाधव की बढ़ेंगी मुश्किलें: IT की कार्रवाई में मिली डायरी में दो और नए नाम