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Monday, May 19, 2025
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पोकरण में गूंजे धमाके, अलर्ट पर प्रशासन, गांव को कराया गया खाली!

रक्षा मंत्रालय ने अपने 'एक्स' हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है, जो जम्मू के प्रसिद्ध शंभू मंदिर और आवासीय क्षेत्रों का है। पाकिस्तानी हमले में शंभू मंदिर और आवासीय क्षेत्रों को कितना नुकसान पहुंचा है।

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भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है और भारतीय सेना लगातार पाकिस्तान को कड़ा जवाब दे रही है। इस बीच, राजस्थान के जैसलमेर में तेज धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं। ऐसी ही खबर कांगड़ा के डमटाल से भी आई जहां मिसाइल के टुकड़े गिरे पाए गए।

जानकारी के अनुसार, जैसलमेर के पोकरण के पास कई धमाकों की आवाजें सुनी गई हैं। ये धमाके ड्रोन या छोटी मिसाइल के हो सकते हैं, जिन्हें एयर डिफेंस सिस्टम ने मार गिराया है। ऐसी आशंका है कि जैसलमेर को टारगेट किया गया था। फिलहाल पोकरण के आसपास के गांव को खाली करा दिया गया है।

वहीं, पठानकोट से सटे कांगड़ा के डमटाल में एक मिसाइल का मलबा गिरने की खबर सामने आई है। कांगड़ा के डीसीपी संजीव कुमार मौके पर पहुंच गए हैं और आसपास के इलाके में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि, इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है।

इससे पहले, रक्षा मंत्रालय ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है, जो जम्मू के प्रसिद्ध शंभू मंदिर और आवासीय क्षेत्रों का है। इसमें दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तानी हमले में शंभू मंदिर और आवासीय क्षेत्रों को कितना नुकसान पहुंचा है।

बता दें कि पाकिस्तान की ओर से ड्रोन हमलों की कोशिशों के बीच राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर और बाड़मेर में लॉकडाउन जैसे हालात हो गए हैं। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए एहतियाती कदम उठाए हैं, जिसके तहत दोनों जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है।

जैसलमेर में शनिवार दोपहर अचानक सभी बाजारों, दुकानों, होटलों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद करने के आदेश जारी किए गए। जिला प्रशासन ने नागरिकों से घरों में रहने और सतर्कता बरतने की अपील की है। उल्लेखनीय है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्रिपरिषद की आपात बैठक की थी।

मुख्यमंत्री ने प्रभारी मंत्रियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक सचिवों को अपने-अपने क्षेत्रों में निरंतर संपर्क बनाए रखने और सभी आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।

उन्होंने राज्य की लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जोर देते हुए निवासियों से जिम्मेदारी से काम करने, अफवाहों से बचने और सरकारी अधिकारियों द्वारा जारी की गई सत्यापित सूचनाओं पर ही भरोसा करने का आग्रह किया था।
 
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