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Friday, November 22, 2024
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Facebook का नाम बदला: क्या है Meta, क्या बदला, क्या नहीं, जानें

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वाशिंगटन। फेसबुक सीईओ जुकरबर्ग मार्क ने गुरुवार को कंपनी के नए नाम की घोषणा की। अब फेसबुक को मेटा (Meta platforms inc. ) नाम से जाना जाएगा। जुकरबर्ग का कहना है कि मेटावर्स एक अलग ही दुनिया है जो केवल इंटरनेट पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि फेसबुक में वह सब शामिल नहीं जो कंपनी करती है।

एप्स और ब्रांड के नाम नहीं बदलेंगे:  मार्क जुकरबर्ग ने कंपनी के नए नाम के एलान के दौरान कहा, ‘हमने सामाजिक मुद्दों से जूझने और काफी करीबी प्लेटफॉर्म पर एक साथ रहते हुए बहुत कुछ सीखा है और अब समय आ गया है कि हमने जो कुछ भी सीखा है उसके अनुभव से एक नए अध्याय की शुरुआत करें। मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि आज से हमारी कंपनी अब मेटा है। हमारा मिशन वही है। हमारे एप्स और ब्रांड के नाम नहीं बदल रहे हैं। आज हम एक सोशल मीडिया कंपनी के नाम से जाने जाते हैं, लेकिन डीएनए के हिसाब से हम एक ऐसी कंपनी हैं जो लोगों को जोड़ने वाली टेक्नोलॉजी विकसित करती हैं।’

यह बदला:
आपके लिए यह जानना सबसे जरूरी है कि फेसबुक के नए एलान के बाद क्या-क्या बदला है और क्या नहीं बदला है। कंपनी की सिर्फ ब्रांडिंग बदली है यानी फेसबुक कंपनी को अब मेटा (Meta) के नाम से जाना जाएगा। कंपनी के हेडक्वॉटर पर मेटा लिखा जाएगा ना कि फेसबुक। फेसबुक एप का नाम नहीं बदल रहा है और ना ही इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर का नाम बदल रहा है। कंपनी के विभिन्न पदों में भी कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है, लेकिन 1 दिसंबर से कंपनी के स्टॉक का स्टिकर MVRS के नाम से होगा। कंपनी के हेडक्वॉटर में अंगूठा वाला (लाइक) लोगो अब हट गया है और उसकी जगह नए लोगो ने जगह ले ली है जो कि इनफिनिटी जैसा है।

मेटा क्या है?:
मार्क जुकरबर्ग ने मेटावर्स को एक वर्चुअल एनवायरमेंट (आभासी वातावरण) कहा है। जुकरबर्ग के मुताबिक आप महज स्क्रीन पर देखकर एक अलग दुनिया में जा सकते हैं जहां आप लोगों से वर्चुअल रियलिटी हेडसेट, आग्युमेंट रियलिटी चश्में, स्मार्टफोन एप आदि के जरिए जुड़ सकेंगे, गेम खेल सकेंगे, शॉपिंग कर सकेंगे और सोशल मीडिया इस्तेमाल कर सकेंगे। मेटावर्स में आप आभासी रूप से वो सारे काम कर सकेंगे जो आप आमतौर पर करते हैंं।जुकरबर्ग ने कहा है कि मेटावर्स टेक्नोलॉजी के जरिए लाखों लोगों को नौकरी मिलेगी।

नया लोगो: Metaverse एक वर्चुअल कंप्यूटर-जनरेटेड स्पेस है, जहां लोग बातचीत कर सकते हैं। इसमें कई बढ़ते हुए बिज़नेस शामिल हैं, जैसे वर्चुअल रियलिटी हार्डवेयर ब्रांच ओकुलस और होरिजन वर्ल्ड, कई वर्चुअल रियलिटी सॉफ़्टवेयर जो अभी भी बीटा टेस्टिंग मोड में है। कोई भी कंपनी जब भी अपना नाम बदलती है तो अपने लोगो में भी बदलाव करती है, फेसबुक ने भी ऐसा किया है। फेसबुक के नए लोगों को इनफिनिटी शेप में डिज़ाइन किया गया है, थोड़ा तिरछा, लगभग एक pretzel की तरह।

कहां से आया यह नाम: बता दें कि मेटावर्स भले ही आज अचानक से चर्चा में आया है लेकिन यह काफी पुराना शब्द है। 1992 में नील स्टीफेंसन ने अपने डायस्टोपियन उपन्यास “स्नो क्रैश” में इसका जिक्र किया था। स्टीफेंसन के उपन्यास में मेटावर्स का मतलब एक ऐसी दुनिया से था जिसमें लोग गेम में डिजिटल दुनिया वाले गैजेट जैसे हेडफोन और वर्चुअल रियलिटी की मदद से आपस में कनेक्ट होते हैं।

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