भारत को इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में खेले गए पहले टेस्ट में पांच विकेट से हार का सामना करना पड़ा। यह हार इसलिए चौंकाने वाला है क्योंकि भारतीय टीम ने दोनों पारियों में अच्छी बल्लेबाजी की थी और इंग्लिश टीम के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था, लेकिन इंग्लैंड ने एक दिन में 350 रन बनाकर मैच अपने नाम कर लिया। इस टेस्ट में भारत के नाम कई अनचाहे रिकॉर्ड भी बने।
क्रिकेट इतिहास का पहला टेस्ट 1877 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेला गया था। 148 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी टीम की ओर से एक टेस्ट में पांच शतक लगे और इसके बावजूद उस टीम को हार का सामना करना पड़ा।
इससे पहले 1928-29 की एशेज सीरीज में ऑस्ट्रेलिया की ओर से मेलबर्न टेस्ट में चार शतक लगे थे। उसी मैच में डॉन ब्रैडमैन ने अपना पहला टेस्ट शतक (112 रन) भी बनाया था, लेकिन फिर भी ऑस्ट्रेलियाई टीम को हार मिली थी।
वहीं, विराट कोहली की तरह ऋषभ पंत के नाम भी एक अनचाहा रिकॉर्ड जुड़ गया। साल 2000 के बाद टेस्ट में ऐसा दूसरी बार हुआ है जब किसी भारतीय बल्लेबाज ने एक मैच की दोनों पारियों में शतक लगाया और भारतीय टीम वह मैच हार गई हो। पंत ने लीड्स की पहली पारी में 134 रन और दूसरी पारी में 118 रन बनाए। वहीं, 2014 में एडिलेड में विराट कोहली ने पहली पारी में 115 रन और दूसरी पारी में 141 रन बनाए थे।
371 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को इंग्लैंड के ओपनर्स ने ही बैकफुट पर धकेल दिया। बेन डकेट ने शतक लगाया, जबकि क्राउली ने अर्धशतक जड़ा। दिसंबर 2022 से डकेट टेस्ट में सबसे ज्यादा 50+ का स्कोर बनाने वाले ओपनर हैं। उन्होंने ऐसा 18 बार किया है। वहीं, यशस्वी जायसवाल 15 बार के साथ दूसरे नंबर पर हैं।
दरअसल, दिसंबर 2022 से इसलिए क्योंकि डकेट लंबे समय के लिए टीम से बाहर हुए थे और उनकी टीम में वापसी एक दिसंबर 2022 को हुई थी। इसके बाद से वह लगातार बड़ी पारियां खेल रहे हैं। डकेट ने टेस्ट करियर का छठा शतक जड़ा। यह छह शतक उन्होंने दिसंबर 2022 में वापसी के बाद ही लगाए हैं। वह दिसंबर 2022 से टेस्ट में सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले ओपनर भी हैं। इसके बाद पांच शतक के साथ यशस्वी जायसवाल हैं।
डकेट और क्राउली के बीच 188 रन की ओपनिंग साझेदारी हुई। साल 2022 से टेस्ट में इन दोनों ने सबसे ज्यादा चार बार शतकीय साझेदारी की है। उनकी और क्राउली की 188 रन की साझेदारी भारत के खिलाफ चौथी पारी में बेस्ट ओपनिंग साझेदारी है।
इन दोनों ने 72 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले 1953 में वेस्टइंडीज के एलेन रे और जेफरे स्टोलमेयेर की ओपनिंग जोड़ी ने नाबाद 142 रन की साझेदारी की थी। इंग्लैंड ने 82 ओवर में 371 रन के लक्ष्य का पीछा कर लिया। उनका बैजबॉल फिर काम आया।
लीड्स टेस्ट मैच में 1673 रन बनाए गए जो इंग्लैंड में तीसरा सबसे बड़ा स्कोर है। लीड्स में कुल मिलाकर सात शतक दर्ज किए गए। भारत ने अकेले इस टेस्ट में 835 रन बनाए। यह हार में किसी टीम द्वारा बनाया गया चौथा सर्वाधिक रन है। शीर्ष चार में से तीन इंग्लैंड के खिलाफ ही आए हैं।
यह केवल दूसरा मौका था, जब भारत ने टेस्ट में 350+ का लक्ष्य रखा और हार गया। दोनों बार इंग्लैंड ने रिकॉर्ड रन-चेज करके भारत को चौंकाया है। इससे पहले 2022 में भारत के खिलाफ बर्मिंघम में इंग्लैंड ने 378 रन का लक्ष्य हासिल किया था। तब इंग्लैंड की टीम सात विकेट से जीती थी। चौथी पारी में 350+ रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 14 मौकों पर टीमें सफल हुई हैं।
हेडिंग्ले एकमात्र ऐसी जगह है जहां तीन बार 350+ रन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया गया है। 1948 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के 404 रन का लक्ष्य का आसानी से पीछा किया था। वहीं, 2019 में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के 359 रन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था। अब इंग्लैंड ने एक बार फिर कमाल किया।
इंग्लैंड खुद तीन बार चौथी पारी में 350+ रन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल कर चुका है। इस टीम ने जुलाई, 2022 में बर्मिंघम में भारत के 378 रन के लक्ष्य को तीन विकेट गंवाकर हासिल कर लिया था। टीम ने 76.4 ओवर में ही यह स्कोर बना लिया था और 4.93 के रन रेट से रन बटोरे थे। हालांकि, तब टीम में बैजबॉल की नींव रखने वाले जॉनी बेयरस्टो हुआ करते थे।
अब वह खराब फॉर्म की वजह से स्क्वॉड का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन इस बार क्राउली और डकेट ने कमाल की बल्लेबाजी की। वहीं, अगस्त, 2019 में इंग्लैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 359 रन के लक्ष्य को नौ विकेट गंवाकर हासिल किया था। हालांकि, लीड्स में ये रन बनाने में इंग्लैंड को 125.4 ओवर लग गए थे।
ओवरऑल इंग्लैंड में सबसे सफल रन चेज की बात करें तो 1948 में ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड के खिलाफ 404 रन के लक्ष्य को सफलतापूर्वक हासिल किया था। वहीं, 2022 में बर्मिंघम में इंग्लैंड का भारत के खिलाफ चेज इंग्लैंड में दूसरा सबसे सफल चेज है। भारत के खिलाफ इंग्लैंड का 371 रन चेज करना तीसरा सबसे सफल चेज है। वहीं, 2019 में लीड्स में इंग्लैंड का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 359 रन चेज करना चौथा सबसे सफल चेज है।
वहीं, भारत की बात करें तो टेस्ट में 350+ रन के लक्ष्य का बचाव करते हुए टीम दो मैच हार चुकी है। टीम इंडिया अब तक कुल 60 मौकों पर 350+ रन के लक्ष्य का बचाव करने उतरी है। इसमें से 42 मैच भारतीय टीम ने जीते हैं, जबकि 16 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। जो दो मुकाबले भारत हारा है, वह इंग्लैंड के खिलाफ ही आए हैं।
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