इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान को तोशखाना मामले में जमानत दे दी है| पाकिस्तान की एक जिला सत्र अदालत ने 5 अगस्त को तोशखाना मामले में इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई थी| इसके बाद उन्हें लाहौर के ज़मान पार्क स्थित उनके आवास से गिरफ्तार कर लिया गया। तब से इमरान खान अटक जेल में कैद हैं| कोर्ट ने इमरान खान पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया और उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया|
इस बीच इमरान खान के वकीलों ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि जेल से बाहर आने के बाद इमरान खान को किसी अन्य मामले में दोबारा जेल में नहीं डाला जाए, लेकिन खान के खिलाफ कई मामले लंबित हैं, जिनमें से दो मामले ऐसे हैं जिनमें जांच एजेंसी किसी भी समय इमरान खान को गिरफ्तार कर सकती है। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, संघीय जांच एजेंसी (FIA) और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) की टीमें इमरान खान का इंतजार कर रही हैं|पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने अगस्त 2022 में इमरान खान पर तोशखाना मामले में मामला दर्ज किया था। तभी से यह तोशखाना मामला चर्चा में है| इमरान खान ने तोशखाना विभाग को प्रधानमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान मिले उपहारों का खुलासा नहीं किया। साथ ही इमरान खान पर इन उपहारों को अवैध रूप से बेचने का भी आरोप लगाया गया था|
क्या है मामला?: पाकिस्तान में तोशखाना विभाग की स्थापना 1974 में हुई थी। नियमानुसार इस अनुभाग में जन प्रतिनिधियों को मिले उपहारों को जमा करना और जानकारी देना अनिवार्य है। हालांकि, 2018 में सत्ता में आने के बाद इमरान खान ने तोशखाना विभाग को मिले उपहारों का खुलासा करने से इनकार कर दिया था|
इमरान खान ने दावा किया था कि जानकारी देने से दूसरे देशों के साथ संबंधों पर असर पड़ेगा| इसके बाद इमरान खान ने पाकिस्तान चुनाव आयोग को पत्र लिखकर स्वीकार किया कि उन्हें मिले तोहफों में से करीब 4 उन्होंने बेच दिए हैं| इमरान खान ने यह भी दावा किया कि तोशखाना विभाग ने बेचे गए उपहारों के लिए उचित कीमत का भुगतान किया।
यह भी पढ़ें-
चीन के नए नक्शे में शामिल है अरुणाचल प्रदेश, ताइवान के साथ ‘इन’ इलाकों पर भी दावा !