29.7 C
Mumbai
Tuesday, May 20, 2025
होमदेश दुनियाअपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद लें, जंक फूड...

अपने लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद लें, जंक फूड से बचें​!

डॉ. सरीन ने यह भी कहा कि लोगों को समय पर सोना चाहिए और देर रात खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया प्रभावित होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं।

Google News Follow

Related

इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आईएलबीएस) के निदेशक डॉ. एस.के. सरीन का कहना है कि लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अच्छी नींद लेना और जंक फूड से बचना बहुत जरूरी है। डॉ. सरीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “जैसा इसके नाम से ही साफ है, जंक फूड कूड़े में फेंकने लायक है। अगर इसे रोजाना खाते रहेंगे तो लिवर को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसे डस्टबिन में डालना चाहिए। अगर आप अपने पेट और आंतों को डस्टबिन समझते हैं, तभी इसे खाएं, वरना बचें।”

जंक फूड में खराब वसा, ज्यादा चीनी और प्रोसेस्ड चीजें होती हैं, जो मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं। ये बीमारियां नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज का कारण बन सकती हैं और आगे चलकर सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी गंभीर समस्याओं में बदल सकती हैं।

डॉ. सरीन ने यह भी कहा कि लोगों को समय पर सोना चाहिए और देर रात खाना नहीं खाना चाहिए, क्योंकि इससे पेट में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया प्रभावित होते हैं, जो सेहत के लिए बहुत जरूरी हैं। रिसर्च से पता चला है कि जो लोग ठीक से नींद नहीं लेते, उन्हें फैटी लिवर की बीमारी होने का खतरा ज्यादा रहता है।इसके अलावा, देर रात खाना खाने से लिवर को नुकसान पहुंच सकता है, क्योंकि सोते समय शरीर वसा और कार्बोहाइड्रेट को सही से पचा नहीं पाता, जिससे यह लिवर में जमा हो जाते हैं।

डॉक्टर सरीन ने कहा, “देर से सोना और रात को देर से खाना, दोनों ही आदतें अच्छी नहीं हैं। आपकी आंतों के बैक्टीरिया भी तब देर से काम करेंगे। इसलिए अच्छी नींद लेना सबसे बढ़िया उपाय है। डॉ. सरीन ने लोगों को सलाह दी कि वे पैसा, ताकत और ऊंचे पदों के पीछे भागते हुए अपनी सेहत न खो दें। एक स्वस्थ शरीर और अच्छी नींद ही असली खुशी देती है।

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज, जिसे अब मेटाबोलिक डिस्फंक्शन-एसोसिएटेड स्टीटोटिक लिवर डिजीज कहा जाता है, तब होती है जब शराब का सेवन न करने वालों के लिवर में भी वसा जमने लगती है। यह बीमारी डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों को अधिक प्रभावित करती है।

फैटी लिवर डिजीज भारत में लिवर संबंधी एक प्रमुख बीमारी के तौर पर उभरी है और देश में 10 में से तीन लोग इससे प्रभावित हैं। पिछले साल सितंबर में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेटाबोलिक डिस्फंक्शन-एसोसिएटेड फैटी लिवर डिजीज (एमएएफएलडी) के लिए नए दिशा-निर्देश और प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी किए। इसका मकसद इस बीमारी का जल्दी पता लगाना और मरीजों की देखभाल और इलाज के नतीजों को बेहतर बनाना है।

​यह भी पढ़ें-

मानसरोवर यात्रा 2025: जून-अगस्त के बीच होगी आयोजन, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी!

लेखक से अधिक

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.

हमें फॉलो करें

125,708फैंसलाइक करें
526फॉलोवरफॉलो करें
249,000सब्सक्राइबर्ससब्सक्राइब करें

अन्य लेटेस्ट खबरें