उत्तराखंड का जिम कार्बेट नेशनल पार्क चर्चा में आ गया है। हालांकि इसकी वजह टाइगर नहीं है बल्कि मजारों की बढ़ती संख्या है। जिम कार्बेट में मजारों की बढ़ती संख्या से सरकार एक्शन में आ गई है। उत्तराखंड के कालाढूंगी के जंगलों के पास दोनों तरफ सड़क के किनारे आपको बड़ी संख्या में मजारें नजर आएंगी। उत्तराखंड में अब तक एक हजार से ज्यादा मजारों को चिन्हित किया जा चुका है, जो वन विभाग या सरकार की दूसरी जमीनों पर अवैध कब्जा करके बनाई गई हैं। इनमें से अब तक 102 मज़ारों को सरकार द्वारा ध्वस्त किया भी जा चुका है। इन मज़ारों की जांच की गई तो ये पता चला कि इन मज़ारों में जो कब्र बनी हुई हैं, उनमें से कई में मृत व्यक्ति के अवशेष नहीं हैं।
कॉर्बेट के बाद रामनगर से 30 किलोमीटर दूर कालाढूंगी के जंगलों के बीचों बीच कई मजारें देखने मिली। जबकि यहाँ आना भी वर्जित है। जबकि मौके पर मौजूद मौलाना बताते हैं कि यह मज़ार कालू सैयद पीर के नाम पर बनी है। मौलाना कहते हैं कि कालू सैयद के नाम पर सैकड़ों मजारे बनाई हैं, जिसकी जहां मान्यता वहां इन्हीं के नाम पर मजार बना देते हैं, उत्तराखंड में कई जगह इसी नाम पर है।
हालांकि सोचनेवाली बात यह है कि जंगलों की ज़मीन उत्तराखंड के वन विभाग के अंतर्गत आती है और कानून कहता है कि यहां जंगलों के किसी भी क्षेत्र में कोई धार्मिक स्थल नहीं बनाया जा सकता और ना ही किसी तरह का कोई अतिक्रमण हो सकता है। वहीं जांच के दौरान पता चला कि इस क्षेत्र में एक दो नहीं बल्कि कई मज़ारें बनी हुई हैं और इनमें कुछ मज़ारें तो ऐसी हैं, जो पिछले 10 से 15 वर्षों में बनी। इन मज़ारों के ज़रिए सरकारी ज़मीन पर अवैध कब्जा करने की एक पूरी प्रक्रिया है। अवैध मज़ारों के आसपास पहले इंटें इकट्ठा करके रखी जाती हैं और फिर बाद में धीरे धीरे सरकारी ज़मीन पर निर्माण किया जाता है। हालांकि सवाल ये है कि टाइगर रिजर्व के इस प्रतिबंधित क्षेत्र में मजार और मजार पर भीड़ जुटाने की इजाजत कैसे दी गई।
इसी बीच अब धामी सरकार सख्त है और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी साफ कह दिया है कि देवभूमि उत्तराखंड अवैध मजारों को ध्वस्त करेंगे। इसके साथ ही सीएम धामी ने कहा है कि ये नया उत्तराखण्ड है यहां अतिक्रमण करना तो दूर इसके बारे में अब कोई सोचे भी नहीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार यह जांच करा रही है कि किस अधिकारी के कार्यकाल में वन्यभूमि में आरक्षित जंगल के अंदर जाकर मजारें बनाई गई हैं। उनका कहना है कि वन विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई थी कि वन भूमि पर एक हजार से ज्यादा अवैध मजारें बना दी गई हैं। अवैध मजार को लेकर 6 महीने की चेतावनी दी गई है। सीएम धामी ने कहा है कि अवैध मजार पर वन विभाग एक्शन ले वरना सरकार एक्शन लेगी।
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