पाकिस्तान की राजनीति इस वक्त एक बार फिर भयानक उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों के मुताबिक, जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ पाकिस्तानी सेना के एक मेजर द्वारा कथित रूप से अमानवीय और यौन उत्पीड़न जैसा घिनौना व्यवहार किया गया है। यह आरोप जितना चौंकाने वाला है, उतना ही पाकिस्तान की लोकतांत्रिक संरचना और मानवाधिकारों की स्थिति पर भी सवाल खड़ा करता है।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मेडिकल रिपोर्ट्स और कुछ पत्रकारों के हवाले से यह दावा किया जा रहा है कि इमरान खान के शरीर पर गहरी चोटों के निशान हैं और उनकी मानसिक स्थिति भी चिंताजनक है। हालांकि अब तक इन रिपोर्ट्स की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है, और न ही डॉन जैसे किसी प्रतिष्ठित पाकिस्तानी मीडिया हाउस ने इन दावों को अपने स्तर पर रिपोर्ट किया है। फिर भी, जिस तीव्रता से यह खबर सोशल मीडिया पर फैल रही है, उसने देश-विदेश में चिंता की लहर दौड़ा दी है।
कभी विश्व मंच पर पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाला, कभी करोड़ों युवाओं का आदर्श रहा इमरान खान—क्या आज वह सत्ता की क्रूरता और प्रतिशोध का शिकार बन रहे हैं? क्या पाकिस्तान की जेलें अब राजनीतिक विरोधियों को तोड़ने का उपकरण बन चुकी हैं?
सबसे चिंताजनक बात यह है कि पाकिस्तान सरकार और सेना इस पूरे मुद्दे पर अब तक चुप हैं। न कोई बयान, न खंडन, न सफाई—यह चुप्पी स्वयं एक गवाही बनती जा रही है। अगर ये आरोप झूठे हैं, तो उनका स्पष्ट खंडन क्यों नहीं किया जा रहा? और अगर ये सच हैं, तो फिर पाकिस्तान के लिए यह सिर्फ एक राजनीतिक संकट नहीं, बल्कि एक नैतिक पतन का संकेत है।
मानवाधिकार संगठनों को अब आगे आकर निष्पक्ष जांच की मांग करनी चाहिए। अगर लोकतंत्र में विपक्ष की सबसे बड़ी आवाज को जेल में इस तरह कुचला जा सकता है, तो यह किसी एक व्यक्ति की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के भविष्य पर लगा एक धब्बा है।
क्या पाकिस्तान अब भी एक लोकतंत्र कहलाने लायक है? या फिर यह राष्ट्र सेना और सत्ता के गठजोड़ का एक कठोर खेल बन चुका है, जहां असहमति को दंडित करना ही नीति बन गई है? जवाब मांगने का वक्त आ गया है।
यह भी पढ़ें:
पीएम मोदी बोले: आतंकवाद मानवता के लिए खतरा, होगी निर्णायक कार्रवाई!
स्पेशल रनवे: हाई-टेक लाइटिंग और नेविगेशन उपकरणों के सहारे हुई लैंडिंग!
अयोध्या राम मंदिर में संग्रहालय, उद्यान की योजना, अप्रैल 2026 में उद्घाटन!