किराना हिल्स, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र है, जिसे पाकिस्तान रक्षा मंत्रालय का संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इन पहाड़ियों के अंदर बनी गुफाओं में परमाणु हथियार संग्रहीत किए जाते हैं।
7 मई 2025 को भारत ने पहलवान आतंकी हमले (22 अप्रैल को हुआ था जिसमें 26 लोग मारे गए) के जवाब में पाकिस्तान और पीओके में 11 सैन्य ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए थे। इनमें नूर खान एयरबेस, मुरिद, रफीक़ी, रहिम यार खान, सियालकोट, चुनीयां, पासरूर और सरगोधा जैसे महत्वपूर्ण ठिकाने शामिल थे।
डेमियन साइमन ने 18 जुलाई को X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर बताया कि जून 2025 की Google Earth तस्वीरों से यह संकेत मिलता है कि मई 2025 में भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया था।
उन्होंने कहा कि यह गहराई वाला हमला नहीं था और न ही इसका कोई भूमिगत प्रभाव दिखता है। बल्कि यह एक चेतावनी हमला प्रतीत होता है, जिससे यह संदेश देना था कि भारत की परमाणु क्षमता को चुनौती न दी जाए। तस्वीरों में हिल्स के एक हिस्से पर निशान और सरगोधा एयरबेस पर रनवे की मरम्मत देखी जा सकती है।
एयर मार्शल ए.के. भारती ने 12 मई को संवाददाताओं के सवाल पर कहा, “हमने किराना हिल्स पर कोई हमला नहीं किया।” उन्होंने अपनी ब्रीफिंग में स्पष्ट किया कि वहां कोई सैन्य कार्रवाई नहीं की गई।
हमले के दिन सोशल मीडिया पर काले धुएं और विस्फोट के वीडियो सामने आए। कुछ हैंडल्स ने किराना हिल्स में विस्फोट का दावा किया। इंडिया टूडे की ओएसआईएनटी टीम ने वीडियो के स्थान का सत्यापन कर बताया कि धुंआ वास्तव में किराना हिल्स के पास से उठ रहा था, लेकिन उच्च-रिज़ॉल्यूशन की उपग्रह छवियाँ उपलब्ध नहीं थीं।
नूर खान एयरबेस पर हुआ हमला रणनीतिक रूप से अहम था क्योंकि यह पाकिस्तान की परमाणु योजना प्रभाग (Strategic Plans Division) के मुख्यालय के पास है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के हवाले से लिखा कि यह हमला पाकिस्तान की परमाणु कमांड को खत्म करने की चेतावनी के रूप में देखा गया।
साइमन एक प्रतिष्ठित OSINT विश्लेषक हैं, जो @detresfa नाम से काम करते हैं। उन्होंने अतीत में पाकिस्तान की फर्जी सूचनाओं का पर्दाफाश किया है और भारत-पाक संघर्ष क्षेत्रों पर उपग्रह डेटा के माध्यम से महत्वपूर्ण खुलासे किए हैं।
हालांकि भारत ने किराना हिल्स पर सीधे हमले से इनकार किया है, लेकिन OSINT विशेषज्ञों का मानना है कि यह चेतावनी भरा हमला था जिसका उद्देश्य था यह दिखाना कि भारत, यदि आवश्यक हुआ, तो पाकिस्तान के परमाणु ठिकानों तक भी पहुंच सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत यह हमला रणनीतिक दबाव बनाने का हिस्सा था।
मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: किरीट सोमैया ने कोर्ट में चुनौती देने की बात कही!



