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भारतीय नौसेना की वीरता: अपहृत श्रीलंकाई जहाज को छुड़ाया

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प्रशांत कारुलकर

27 जनवरी, 2024 का दिन हिंद महासागर में भारतीय नौसेना के साहस और तत्परता की एक अविस्मरणीय गाथा दर्ज करेगा। सेशेल्स के नज़दीक एक सशस्त्र गिरोह ने श्रीलंका के मछली पकड़ने वाले जहाज ‘एमवी होसना’ पर कब्जा कर लिया था, जिसमें सात निर्दोष मछुआरे सवार थे। यह खबर मिलते ही भारतीय नौसेना तत्काल हरकत में आ गई और उसने घेराबंदी के लिए अपने दो युद्धपोतों, आईएनएस तारंगनी और आईएनएस कोची को घटनास्थल की ओर रवाना कर दिया।

भारतीय नौसेना की ओर से तेज़ कार्रवाई की गई। वायुदूत हेलीकॉप्टरों को टोही के लिए तैनात किया गया, जिन्होंने अपहृत जहाज का सटीक लोकेशन पता लगाया। साथ ही आईएनएस तारंगनी ने तेजी से मिसाइल फ्रिगेट, आईएनएस कोची के साथ मिलकर ‘एमवी होसना’ को घेर लिया। इस निर्णायक मोड़ पर भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई और सेशेल्स के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया।

अपहरणकर्ताओं के साथ वार्ता का रास्ता खुला रखा गया, किन्तु यह असफल रहा। आखिरकार, भारतीय नौसेना ने अपहरणकर्ताओं से सीधे टकराव लेने का निर्णय लिया। एक विशेष बल के दल को हेलीकॉप्टरों से जहाज पर उतारा गया। ये वीर जवान बेहद सावधानी और पेशेवर तरीके से जहाज पर चढ़े और शीघ्र ही अपहरणकर्ताओं पर नियंत्रण स्थापित कर लिया।

इस पूरे ऑपरेशन के दौरान भारतीय नौसेना ने अत्यंत संयम और धैर्य का परिचय दिया। उनका प्राथमिकता यह थी कि किसी भी निर्दोष मछुआरे को कोई नुकसान न पहुंचे। ऑपरेशन सफल रहा और सभी सात मछुआरे सुरक्षित रूप से मुक्त कर लिए गए। अपहरणकर्ताओं को हिरासत में ले लिया गया।

हिंद महासागर के विशाल जलक्षेत्र में इस साहसपूर्ण कार्रवाई से भारतीय नौसेना ने ना केवल मछुआरों की जान बचाई, बल्कि क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को भी दोहराया। यह ऑपरेशन न सिर्फ सैन्य कौशल का उत्कृष्ट उदाहरण है, बल्कि मानवीयता और अंतरराष्ट्रीय सहयोग का प्रतीक भी है।

भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री संबंध सदियों पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जुड़ाव के साथ-साथ सामरिक महत्व भी रखते हैं। दोनों देश हिंद महासागर में रणनीतिक रूप से स्थित हैं और उनके तट एक-दूसरे के नजदीक हैं। यही भौगोलिक निकटता उनके आर्थिक और व्यापारिक संबंधों का आधार भी है।

समुद्री व्यापार दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं का अहम हिस्सा है। भारत, श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार है और दोनों देशों के बीच लगातार माल का आयात-निर्यात होता है। भारत से श्रीलंका सस्ता तेल और अन्य आवश्यक वस्तुएं आयात करता है, जबकि भारत श्रीलंका से चाय, मसाले और मछली आदि का आयात करता है। श्रीलंका के दक्षिणी बंदरगाह कोलंबो, हिंद महासागर के व्यापार मार्गों पर एक महत्वपूर्ण पड़ाव है और भारत के लिए भी इसका रणनीतिक महत्व है।

इंडियन नेवी के वीर जवानों के साहस और पेशेवरता को भारत में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में सराहना मिली। यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि भारतीय नौसेना हिंद महासागर में शांति और सुरक्षा का गढ़ है।

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