अपहरण के बारे में सबसे पहले किसे पता चला?: गुरुवार, 4 जनवरी को जहाज के अपहरण की सूचना मिली थी। लाइबेरिया के झंडे वाला जहाज़ ब्राज़ील से बहरीन जा रहा था। जहाज अपहरण की पहली रिपोर्ट यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस पोर्टल (यूकेएमटीओ) को भेजी गई थी। बताया गया कि पांच से छह हथियारबंद समुद्री लुटेरे जहाज पर चढ़ गये। इसकी सूचना भारतीय नौसेना को दी गई|
आईएनएस चेन्नई ने किस समय अपहृत जहाज को रोका?: जैसे ही भारतीय नौसेना को सूचना मिली, तुरंत कार्रवाई शुरू हो गई। भारतीय नौसेना ने जहाज की सहायता के लिए तुरंत INS चेन्नई, P-8I और प्रीडेटर MQ9B लंबी दूरी के निगरानी ड्रोन तैनात किए। आईएनएस चेन्नई ने 5 जनवरी को अपराह्न 3:15 बजे एमवी लीला नोरफोक को रोका। आईएनएस चेन्नई पर तैनात मार्कोस कमांडो तुरंत एमवी लीला नोरफोक पर उतरे और अपना ऑपरेशन शुरू किया।
स्पेशल ऑपरेशन थ्री वीडियो: जहाज पर जांच के दौरान कोई समुद्री डाकू नहीं मिला। भारतीय नौसेना ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी। भारतीय नौसेना ने बताया कि समुद्री कमांडो ने सभी 15 भारतीयों समेत 21 कर्मियों की जान बचाई| जहाज के निरीक्षण के दौरान एक भी डाकू नहीं मिला। शायद भारतीय नौसेना की चेतावनी के बाद समुद्री डाकुओं ने अपना मन बदल लिया. नौसेना ने तीन वीडियो जारी किए हैं जिनमें दिखाया गया है कि कैसे मार्कोस कमांडो ने जहाज को समुद्री डाकुओं से बचाने की कोशिश की।
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