बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हिंदुओ पर मुस्लिम भीड़ द्वारा हमले किए जा रहे है। सुबह-शाम हिंदू और गैर-मुस्लिम अल्पसंख्याक डर के साए में जी रहे है। बांग्लादेश सरकार ISKCON के खिलाफ भी झूठा अभियान चलकर ISKCON पर बंदी लादना चाहती है। इसी के साथ ढाका पुलिस ने मानवाधिकारों की मांग कर रहे चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर राजद्रोह का मुकदमा चलाया है। दरम्यान भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में गैर मुसलमानों के अधिकारों पर हनन को लेकर चिंता जताई है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फरेंस के दरम्यान जानकारी दी है। उन्होंने कहा, “भारत ने बांग्लादेश सरकार के समक्ष हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर खतरों और लक्षित हमलों के मुद्दे को लगातार और मजबूती से उठाया है… अंतरिम सरकार को सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम चरमपंथी बयानबाजी के बढ़ने से चिंतित हैं। हिंसा और उकसावे की बढ़ती घटनाओं को केवल मीडिया की अतिशयोक्ति के रूप में खारिज नहीं किया जा सकता। हम बांग्लादेश से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आह्वान करते हैं…”
इसी के साथ विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने ISKCON और चिन्मय कृष्ण दास पर हो रहे लक्षित हमलों पर भी ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा,”हम ISKCON को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित संगठन के रूप में देखते हैं, जिसका सामाजिक सेवा में मजबूत रिकॉर्ड है। जहां तक चिन्मय दास की गिरफ्तारी का सवाल है, हमने उस पर अपना बयान दे दिया है… व्यक्तियों के खिलाफ मामले और कानूनी प्रक्रियाएं चल रही हैं। हम आशा करते हैं कि इन प्रक्रियाओं को निष्पक्ष, न्यायसंगत और पारदर्शी तरीके से निपटाया जाएगा, जिससे इन व्यक्तियों और संबंधित सभी लोगों का पूरा सम्मान सुनिश्चित हो सके…”
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इसी के साथ संसद में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी बांग्लादेश में हिंदुओ के मानवाधिकारों के हनन को लेकर भारत की भूमिका स्पष्ट की है। उन्होंने कहा है की बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही हिंसा पर भारतीय उच्चायुक्त ने रखी कड़ी नजर, इन नागरिकों की सुरक्षा करना बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी।