भारत के गौरव और समुद्री रक्षा का प्रतीक: आईएनएस इंफाल

आईएनएस इंफाल को औपचारिक रूप से भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया

भारत के गौरव और समुद्री रक्षा का प्रतीक: आईएनएस इंफाल

प्रशांत कारुलकर

26 दिसंबर, 2023 के शुभ दिन भारतीय नौसेना का गौरव बढ़ा है, जब हमारे महासागरों के अभिरक्षक, आईएनएस इंफाल को औपचारिक रूप से बेड़े में शामिल किया गया है। इंफाल न सिर्फ एक आधुनिक युद्धपोत है, बल्कि यह भारतीय रक्षा प्रौद्योगिकी की ताकत और आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है।

समुद्री शक्ति का नया आयाम:

– आईएनएस इंफाल, विशाखापट्टनम-क्लास का तीसरा स्टील्थ गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर है। 7500 टन से अधिक के विस्थापन के साथ, यह एक विशाल और शक्तिशाली युद्धपोत है।

– इसकी लंबाई 164 मीटर और चौड़ाई 17 मीटर है, जो इसे समुद्र में एक भयानक दिखने वाला दुर्ग बनाती है।
– इसका आधुनिक स्टील्थ डिज़ाइन इसे रडार पर कम दिखाई देता है, जिससे दुश्मन के लिए इसे ट्रैक करना कठिन हो जाता है।

समुद्री रक्षक:

– आईएनएस इंफाल अत्याधुनिक हथियारों से लैस है, जो इसे किसी भी खतरे को मात देने में सक्षम बनाते हैं। इसमें शामिल हैं:

– लंबी दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें, जैसे ब्रह्मोस, जो दुश्मन के जहाजों और तटीय ठिकानों को नष्ट कर सकते हैं।

– अत्याधुनिक हवाई रक्षा प्रणाली, जो शत्रु के लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और ड्रोन से समुद्री सीमा की रक्षा करेगी।

– पनडुब्बी रोधी हथियार, जो समुद्र के नीचे से आने वाले खतरों को भी बेअसर कर सकते हैं।

चौकसी बढ़ाएगा इंफाल:

– आईएनएस इंफाल हिंद महासागर और उससे आगे भारतीय हितों की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह मित्र देशों के साथ संयुक्त अभ्यास, समुद्री डकैती विरोधी अभियानों और आपदा राहत कार्यों में भी भाग लेगा।

– इसका आधुनिक रडार और सेंसर सिस्टम भारतीय नौसेना को वास्तविक समय में समुद्री गतिविधि की निगरानी करने और संभावित खतरों का पता लगाने में सक्षम बनाएगा।

– इंफाल की तैनाती भारत की समुद्री सीमा को और मजबूत करेगी और चीन, पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के बढ़ते हुए समुद्री दावों का मुकाबला करने में सक्षम बनाएगी।

आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक:

– आईएनएस इंफाल का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह पूरी तरह से भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) ने इस युद्धपोत का निर्माण किया है, जो भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की क्षमता का प्रमाण है।

– इंफाल के निर्माण में भारतीय कंपनियों और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। यह दर्शाता है कि भारत आधुनिक और शक्तिशाली हथियारों के निर्माण में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।

आईएनएस इंफाल भारतीय नौसेना की ताकत में एक शानदार इजाफा है। यह न सिर्फ हमारी समुद्री सीमाओं की रक्षा करेगा, बल्कि विश्व स्तर पर भारत की एक शक्तिशाली समुद्री शक्ति के रूप में छवि को भी मजबूत करेगा। इंफाल भारत के आत्मनिर्भर भविष्य का भी प्रतीक है, जो दिखाता है कि हम अपने देश की रक्षा के लिए किसी पर निर्भर नहीं हैं।

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