प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रमुख उद्योगपतियों से मुलाकात कर भारत-जापान आर्थिक सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की। इस बैठक में केइजाई दोयुकाई (जापान एसोसिएशन ऑफ कॉर्पोरेट एग्जीक्यूटिव्स) के अध्यक्ष ताकेशी नीइनामी और 20 अन्य व्यापारिक प्रतिनिधि शामिल थे। चर्चा के दौरान निवेश, व्यापार विस्तार और रणनीतिक साझेदारी को लेकर अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया।
अहम क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा:
बैठक में कृषि, मरीन प्रोडक्ट्स, अंतरिक्ष, रक्षा, बीमा, प्रौद्योगिकी, इंफ्रास्ट्रक्चर, नागरिक उड्डयन, स्वच्छ ऊर्जा, परमाणु ऊर्जा और एमएसएमई साझेदारी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-जापान विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी पर प्रकाश डालते हुए भारत में जापानी निवेश को सुगम बनाने के लिए ‘जापान प्लस’ प्रणाली की चर्चा की। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत में व्यापार के लिए नीति-संचालित, पारदर्शी और स्थिर माहौल उपलब्ध है और निवेशकों को किसी भी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए।
विमानन, एआई और हरित ऊर्जा पर भी फोकस:
पीएम मोदी ने भारत में नए हवाई अड्डों के निर्माण और रसद क्षमताओं के विस्तार सहित बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में भारत की विशाल विविधता इसे एक अग्रणी भूमिका में ले जा सकती है और जापानी उद्योग जगत को इसमें सहयोग करना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी ने हरित ऊर्जा और जैव ईंधन मिशन की भी चर्चा की, जिससे विशेष रूप से कृषि क्षेत्र को मूल्य संवर्धन का लाभ मिलेगा। उन्होंने बीमा क्षेत्र के विस्तार, अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में अवसरों को भी रेखांकित किया।
जापानी प्रतिनिधियों ने भारत में निवेश की जताई रुचि:
बैठक में शामिल जापानी उद्योगपतियों ने भारत में अपने निवेश और योजनाओं को साझा किया। उन्होंने कौशल विकास और मानव संसाधन क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने की भी इच्छा जताई।
सनटोरी होल्डिंग्स के प्रतिनिधि निदेशक, अध्यक्ष और सीईओ ताकेशी नीइनामी ने भारत और जापान के मजबूत संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि भारत जापानी निवेश के लिए एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। उन्होंने पीएम मोदी के ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’ विजन की भी प्रशंसा की। एनईसी कॉरपोरेशन के वरिष्ठ कार्यकारी उपाध्यक्ष तनाका शिगेहिरो ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जापानी उद्योग को भारत में निवेश करने के अपने दृष्टिकोण और अपेक्षाओं को बहुत स्पष्ट रूप से समझाया।
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