पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक कुख्यात आतंकी को ऑपरेशन सिंदूर के दरम्यान पाकिस्तान सेना ने ‘नागरिक’ बताने की कोशिश की थी। यह आतंकी एक बार फिर खुले तौर पर भारत के खिलाफ भड़काऊ और हिंसक धमकियाँ देता कैमरे पर दिखाई दिया है। जो पाकिस्तान अपने देश की धरती से संचालित आतंकी संगठनों से पल्ला झाड़ता रहा है अब खुले तौर पर आतंकियों को पाल रहा है।
Pakistan’s Lie Exposed, Terror on Camera
A US-designated Lashkar-e-Taiba terrorist, Abdul Rauf, openly threatens Kashmir and India on camera without fear, without consequence.
This single clip shatters Pakistan’s carefully rehearsed denial.
From Ghazwa-e-Hind fantasies… pic.twitter.com/rYUwgQ5VXN
— Pakistan Reality Check (@PakRealityCheck) December 13, 2025
वीडियो में दिखाई देने वाला आतंकी अब्दुल रऊफ है, जो लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी और अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी है। अपने भाषण में रऊफ ने भारत पर हमलों की खुली वकालत कर उत्तेजक अंदाज़ में कहा कि “दिल्ली को दुल्हन बनाया जाएगा”।
अब्दुल रऊफ को इससे पहले पाकिस्तान सेना ने एक ‘नागरिक’ के रूप में पेश किया था। यह दावा भारत की ऑपरेशन सिंदूर कार्रवाई के बाद किया गया था, जिसमें पंजाब प्रांत के मुरिदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा के मुख्यालय मरकज़-ए-तैयबा को ध्वस्त किया गया था। उस कार्रवाई में कई आतंकवादी मारे गए थे।
इसके बाद रऊफ ने मुरिदके में मारे गए आतंकियों की अंतिम नमाज़ का नेतृत्व किया था। रिपोर्टों के मुताबिक, उस दौरान पाकिस्तानी सेना के अधिकारी भी मौजूद थे। अब सामने आए ताज़ा वीडियो ने पाकिस्तान के आधिकारिक दावों को फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है।
अपने भाषण में रऊफ ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के कमजोर पड़ने के दावों को खारिज किया है। उसने कहा है कि कश्मीर की “जंग” खत्म नहीं हुई है और जो लोग ऐसा मानते हैं, वे भ्रम में हैं। उसके बयान को क्षेत्र में हिंसा और उग्रवाद को और भड़काने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
रऊफ ने लश्कर के सह-संस्थापक और हाफिज सईद के साले अब्दुल रहमान मक्की का हवाला देते हुए दावा किया कि संगठन का लक्ष्य भारत की राजधानी पर कब्जा करना अब भी बना हुआ है। उसने चरमपंथी नारे दोहराते हुए कहा कि दिल्ली को जीता जाएगा और ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ किया जाएगा। ‘ग़ज़वा-ए-हिंद’ की इस्लामी अवधारणा आतंकी संगठन भारत के खिलाफ हिंसा को वैचारिक रूप से जायज़ ठहराने के लिए इस्तेमाल करते रहे हैं, जो इस्लामी विचारों से प्रेरित है।
सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह वीडियो पाकिस्तान में लश्कर-ए-तैयबा को मिल रही निरंतर गतिविधि की छूट और उस वैचारिक ढांचे का ताज़ा सबूत है, जो ऐसे आतंकी संगठनों को संरक्षण और समर्थन देता है।
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