लवासा सिटी परियोजना पुणे जिले के पहले निजी हिल स्टेशन के रूप में बनाई गई थी। यह परियोजना विभिन्न कारणों से प्रसिद्ध थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विवादास्पद लवासा सिटी परियोजना के खरीदार पर छापा मारा है। दिवालिया लवासा प्रोजेक्ट को अजय सिंह की डार्विन कंपनी ने खरीद लिया था| उनके खिलाफ ईडी के दिल्ली डिविजनल ऑफिस ने कार्रवाई की थी| इस कार्रवाई में 78 लाख नकद और 2 लाख की विदेशी मुद्रा जब्त की गई|
कैसा है लवासा प्रोजेक्ट: दिल्ली से आई ईडी की टीम ने लवासा सिटी प्रोजेक्ट लेने वाली डार्विन कंपनी पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज और नकदी जब्त की गई। लवासा परियोजना पुणे जिले के मुलशी तालुका में स्थापित की गई है। देश का पहला निजी हिल स्टेशन 12,500 एकड़ भूमि पर स्थापित किया गया है। हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा बनाया जा रहा यह प्रोजेक्ट मुश्किल में पड़ गया| तब डार्विन कंपनी इस प्रोजेक्ट को लेने के लिए आगे आई।
1,814 करोड़ रुपये की बोली: मुंबई स्थित डार्विन ग्रुप ने लवासा का अधिग्रहण करने के लिए 1,814 करोड़ रुपये की बोली लगाई। लेकिन चूंकि परियोजना दिवालिया हो गई, इसलिए इसे एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) की मंजूरी की आवश्यकता थी। एमसीएलटी द्वारा अनुमोदन के बाद जुलाई 2023 में डार्विन समूह ने इस परियोजना को अपने हाथ में ले लिया।
इस प्रोजेक्ट के लेन-देन के बाद डार्विन ग्रुप आठ साल में बैंकों और घर खरीदारों को 1 हजार 814 करोड़ रुपये का मुआवजा देगा| बैंकों का 929 करोड़ बकाया| साथ ही घर खरीदने वाले लोगों को 438 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाएगा| डार्विन ग्रुप पर ईडी के छापे के बाद लवासा प्रोजेक्ट एक बार फिर सुर्खियों में है।
यह भी पढ़ें-
अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अन्ना हजारे की पहली प्रतिक्रिया; कहा, “जब यह आदमी…!”