किसान पर हुए बाघ के हमले के बाद से क्षेत्रीय लोगों और किसानों में नाराजगी है। उनका आरोप है कि वन विभाग को भी कई बार अवगत कराया गया है कि इस क्षेत्र में बाघ सक्रिय है, लेकिन वन विभाग ने ध्यान ही नहीं दिया। उसी का नतीजा रहा कि आज एक किसान को बाघ ने अपना शिकार बना लिया।
गुस्साए स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध-प्रदर्शन किया। उन्होंने वन चौकी का घेराव भी किया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पूर्व में भी एक अन्य व्यक्ति की मौत बाघ के हमले में हो चुकी है। विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए मौके पर वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे और प्रदर्शनकारियों को समझाया।
वन विभाग की ओर से प्रभावित परिवार को आर्थिक सहायता दी गई है। बताया गया है कि गर्मी का मौसम है और बाघ सहित अन्य वन्य प्राणी पानी आदि की तलाश में आबादी वाले इलाके में आ जाते हैं और इस तरह की घटनाएं हो जाती हैं। यह घटना बालाघाट में बाघ के आबादी इलाके में आने से हुई है।
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