अमेरिकी अभियोजन द्वारा दायर शिकायत के अनुसार, प्रत्यर्पण की कार्यवाही दो आरोपों पर की जा रही है। इनमें मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) का एक आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (पीएमएलए), 2002 की धारा 3 के तहत है। इसके अलावा, आपराधिक साजिश का एक आरोप है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 120-बी और 201 के तहत है।
ईडी के मुताबिक, नेहल मोदी देश के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के मल्टी-बिलियन डॉलर के घोटाले के संबंध में वांछित हैं।
प्रत्यर्पण कार्रवाई की अगली सुनवाई 17 जुलाई 2025 को होगी। नेहल मोदी इस सुनवाई में जमानत के लिए आवेदन कर सकता है, जिसका अमेरिकी अभियोजन ने विरोध करने का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि नीरव मोदी को 19 मार्च 2019 को स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी भारत की अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर यूके सरकार से अनुरोध करने के बाद हुई थी।
बता दें कि नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के साथ 6,498.20 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में आरोपी है।
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