उत्तर कोरिया में लगातार हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) एक बार फिर सक्रिय हो गई है। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीरता को दर्शाते हुए यूएनजीए ने 20 मई को एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित करने का फैसला लिया है। यह घोषणा यूएनजीए अध्यक्ष फिलेमोन यांग की ओर से एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से की गई है, जिसकी पुष्टि राजनयिक और नागरिक समूहों से जुड़े सूत्रों ने की।
यह बैठक दिसंबर 2024 में पारित उस यूएन प्रस्ताव पर केंद्रित होगी जिसमें उत्तर कोरिया की मानवाधिकार स्थिति को गंभीर चिंता का विषय बताया गया था। बैठक का उद्देश्य उस प्रस्ताव पर आगे की कार्रवाई और अंतरराष्ट्रीय रणनीतियों पर चर्चा करना है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, यह पहली बार होगा जब उत्तर कोरिया में मानवाधिकारों की वर्तमान स्थिति पर इस स्तर की बैठक बुलाई जा रही है। इससे पहले सितंबर 2014 में इसी मुद्दे पर एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन हुआ था, जिसमें दक्षिण कोरिया, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय शामिल थे।
ध्यान देने योग्य तथ्य यह भी है कि वर्ष 2018 के बाद उत्तर कोरिया के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र स्तर पर कोई नया प्रतिबंध लागू नहीं किया गया है। मई 2022 में अमेरिका द्वारा प्रस्तावित एक नया प्रतिबंध पैकेज रूस और चीन के वीटो के कारण पास नहीं हो सका था, जबकि वह उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षणों के प्रतिउत्तर में लाया गया था।
इस बीच, दक्षिण कोरिया का विदेश मंत्रालय सक्रिय रूप से इस बैठक में भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना बना रहा है। योनहाप के अनुसार, मंत्रालय फिलहाल सियोल से किसी वरिष्ठ अधिकारी, संयुक्त राष्ट्र में शीर्ष राजनयिक या किसी अन्य प्रतिनिधि को भेजने पर विचार कर रहा है।
इस आगामी बैठक को उत्तर कोरिया के खिलाफ वैश्विक दबाव बढ़ाने और वहां के नागरिकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है। अब दुनिया की निगाहें 20 मई पर टिकी हैं, जब यह देखा जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस संवेदनशील मुद्दे पर किस प्रकार की ठोस पहल करता है।
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