पाकिस्तान द्वारा मंगलवार को जारी आधिकारिक दस्तावेज़ में खुलासा हुआ है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जिन लक्ष्यों को निशाना बनाया, उनकी संख्या भारत के सैन्य अधिकारियों के प्रेस ब्रीफिंग में बताई गई संख्या से कहीं अधिक थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के ऑपरेशन ‘बुनयान-उन-मर्सूस’ के दस्तावेज़ में बताया गया है कि भारत ने आठ अतिरिक्त लक्ष्यों पर हमला किया, जिन्हें नई दिल्ली ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया था।
दस्तावेज़ में जिन स्थानों को निशाना बताया गया है, उनमें सिंध के झांग और हैदराबाद, पंजाब के गुजरात, गुजरणवाला, भावलनगर, अटॉक और पेशावर शामिल हैं। ये सभी स्थान भारतीय सेना के जनरल डायरेक्टर ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) की प्रेस ब्रीफिंग में शामिल नहीं थे।
पाकिस्तान के दस्तावेज़ से यह भी स्पष्ट हुआ कि 10 मई को पाकिस्तान ने भारत से युद्धविराम की क्यों मांग की। दस्तावेज़ ने पाकिस्तान की उन दावों को भी खारिज कर दिया, जिसमें उसने भारतीय वायु बेसों को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व ने जनता को गुमराह करने के लिए नुकसान को छुपाने की कोशिश की, लेकिन यह दस्तावेज़ पड़ोसी देश के लिए एक कड़वा सच साबित हुआ।
इससे पहले मैक्सर टेक्नोलॉजीज द्वारा जारी तस्वीरों में पाकिस्तान के नूर खान और रहीम यार खान वायु बेसों को हुए व्यापक नुकसान को दिखाया गया था। मीडिया को मिली उच्च-रिज़ॉल्यूशन तस्वीरों में मुरीद एयर बेस पर तीन मीटर चौड़ा क्रेटर भी दिखा, जो संदिग्ध भूमिगत सुविधा से केवल 30 मीटर दूर था। ड्रोन हैंगर के पास की छत को भी नुकसान पहुंचा था।
7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था, जिसमें पाकिस्तान और पीओके के नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया था। यह हमला पहलगाम आतंकी हमले के बदले में था, जो 22 अप्रैल को हुआ था। जवाब में पाकिस्तान ने भारत के सिविल और सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल से हमला करने की कोशिश की, लेकिन भारत की कड़ी वायु रक्षा ने इसे रोक दिया।
9-10 मई की रात भारत ने पाकिस्तान के 11 एयर बेसों पर हवाई हमला किया, जिससे भारी नुकसान हुआ। दोनों देशों के बीच 10 मई को युद्धविराम हुआ, जब पाकिस्तान के DGMO ने अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया। यह दस्तावेज़ और तस्वीरें ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भारत की सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रमाण हैं।
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