कभी दुनिया भर में मासूमियत का मुखौटा पहनने वाला पाकिस्तान, अब खुद ही अपने झूठ की चादर तार-तार करने लगा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने जहां भारत को भीतर तक झकझोरा, वहीं पाकिस्तान की सच्चाई भी खुद उसके रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की ज़ुबानी बाहर आ गई। ब्रिटिश मीडिया स्काई न्यूज़ की पत्रकार यलदा हकीम से बातचीत में जब आसिफ से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने आतंकियों को पनाह, ट्रेनिंग और पैसा मुहैया कराया है, तो उनका जवाब था—“हां, हम पिछले तीन दशकों से अमेरिका और पश्चिम, जिसमें ब्रिटेन भी शामिल है, इनके लिए यह गंदा काम करते आ रहे हैं।”
ये कबूलनामा केवल पाकिस्तान की नीयत का पर्दाफाश नहीं करता, बल्कि भारत की उस स्थायी चेतावनी को भी वैश्विक पुष्टि देता है, जिसमें वो लगातार कहता रहा है कि पाकिस्तान की सरकारें आतंकवाद की पोषक हैं। लेकिन इस बार दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान इस ‘गंदे काम’ का ठीकरा अमेरिका और पश्चिमी देशों पर फोड़ने की कोशिश कर रहा है। रक्षा मंत्री कहते हैं कि “हमने तीन दशक तक अमेरिका और पश्चिमी देशों के लिए आतंकी संगठनों को पाला, उन्हें ट्रेन किया, क्योंकि यह यूएसएसआर के खिलाफ उनकी रणनीति का हिस्सा था।”
Is this clown @KhawajaMAsif appearing on international media on behalf of India to plead guilty of ‘doing dirty work for 3 decades’ or is he there to act as Defence Minister of Pak to fight Pakistan’s case?
What a shameful statement at such a crucial moment for Pak!! https://t.co/uEYbB2K31C— Barrister Osman Kh@n #804 (@Osman303) April 24, 2025
सवाल ये उठता है कि क्या कोई देश अपनी ज़मीन पर पलने वाले आतंकियों की जिम्मेदारी से सिर्फ इसलिए बच सकता है क्योंकि उसने वो काम किसी और की ‘रणनीति’ के तहत किया था? और क्या इस रणनीति का भुगतान वो अरबों डॉलर नहीं थे जो पाकिस्तान के नेताओं और जनरलों की तिजोरियों में जाते रहे?
इस शर्मनाक कबूलनामे के बाद पाकिस्तान में भी उबाल है। सोशल मीडिया पर लोग ख्वाजा आसिफ को ‘जोकर’ और ‘भारत का प्रवक्ता’ कहकर कोस रहे हैं। एक यूजर ने एक्स पर लिखा—“क्या वो भारत का पक्ष ले रहे हैं या पाकिस्तान के रक्षा मंत्री बनकर पाकिस्तान का बचाव करने आए हैं?” स्पष्ट है कि पाकिस्तान की जनता भी जानती है कि इस बयान ने उनके देश की अंतरराष्ट्रीय साख को और गर्त में धकेल दिया है।
जब लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट की बात आई—जिन्होंने पहलगाम में हमले की ज़िम्मेदारी ली है—तो ख्वाजा आसिफ ने बचकाना जवाब देकर और भी लज्जा पैदा कर दी। उन्होंने कहा कि “लश्कर एक पुराना नाम है, इसका कोई अस्तित्व नहीं है।” ये बयान तब आया जब लश्कर का सरगना हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में शान से रह रहा है। जब पत्रकार ने उन्हें द रेजिस्टेंस फ्रंट और लश्कर के रिश्ते की याद दिलाई, तो आसिफ ने उसे ही झूठ करार दे दिया।
दरअसल, पाकिस्तान अब उस मोड़ पर खड़ा है जहां उसके झूठ भी खुद को नहीं बचा पा रहे। दुनिया अब न केवल भारत की बातों को गंभीरता से ले रही है, बल्कि पाकिस्तान के अपने नेता भी भारत की बातों की तस्दीक कर रहे हैं। ख्वाजा आसिफ का यह बयान पाकिस्तान की आतंकी नीति का दस्तावेज़ी प्रमाण बन गया है—जिसे अब झुठलाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।
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