बिहार पुलिस ने आखिरकार नीट पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया को पकड़ लिया है, जिसने छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करते हुए लाखों रुपये के पेपर लीक घोटाले को अंजाम दिया। आर्थिक अपराध शाखा (ईओयू) ने पटना में गुरुवार की रात संजीव मुखिया को दबोच लिया। इससे पहले, बिहार पुलिस ने मुखिया पर तीन लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था, जो उसकी गिरफ्तारी की कोशिशों को और तेज कर रहा था।
संजीव मुखिया नालंदा जिले के नगरनौसा थाना क्षेत्र का निवासी है और उसके खिलाफ कुल चार मामले दर्ज हैं। वह इन सभी मामलों में फरार था और कई सालों से पुलिस की गिरफ्त से बाहर था। आरोप है कि संजीव मुखिया नीट पेपर लीक के पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड था। जांच में यह बात सामने आई कि उसने छात्रों से करीब 40 लाख रुपये लेकर नीट के पेपर लीक कराए थे और पटना में उन छात्रों को पेपर के जवाब भी रटवाए थे। लीक हुआ पेपर हजारीबाग के एक परीक्षा केंद्र से सामने आया था।
संजीव मुखिया का नाम पहले भी कई बड़े परीक्षा घोटालों में आ चुका है। 2016 में सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में भी उसकी संलिप्तता सामने आई थी, और इसके बाद बीपीएससी शिक्षक बहाली पेपर लीक के मामले में भी वह जेल जा चुका है। इसके अलावा, संजीव मुखिया का बेटा डॉ. शिवकुमार, जो पीएमसीएच से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त कर चुका है, भी वर्तमान में जेल में बंद है।
पुलिस की दबिश के दौरान यह जानकारी मिली थी कि संजीव मुखिया नेपाल में छिपा हुआ है, लेकिन अंततः बिहार पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों के समन्वित प्रयासों से उसे गिरफ्तार किया गया। अब पुलिस की कोशिश है कि संजीव मुखिया से पूछताछ कर पूरे नेटवर्क को बेनकाब किया जा सके, ताकि इस तरह के घोटालों पर पूर्ण रोक लगाई जा सके। संजीव मुखिया की गिरफ्तारी को लेकर बिहार पुलिस ने इसे एक बड़ी सफलता मानते हुए, शिक्षा क्षेत्र में हो रही इस तरह की धोखाधड़ी पर कड़ी नज़र रखने की बात की है।
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