प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज नई दिल्ली में अहोम साम्राज्य के वीर नायक जनरल लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम में आज हिस्सा लिया। असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। लचित की जयंती के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमें लचित बरफुकन की 400वीं जयंती मनाने का अवसर ऐसे समय में मिला है जब देश अपनी आजादी का अमृत काल मना रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर असम के इतिहास का एक गौरवपूर्ण अध्याय है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के अलावा राज्यपाल जगदीश मुखी, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल और अन्य लोग शामिल हुए।
असम के अहोम साम्राज्य की रॉयल आर्मी के जनरल लाचित बरफुकन ने मुगलों के साम्राज्य विस्तार को रोका और 1671 के सराय घाट युद्ध विजयी रहे। असम सरकार ने उनकी देशभक्ति और साहस-समर्पण से लोगों को अवगत कराने के लिए दिल्ली में तीन दिन का समारोह आयोजित किया है। इस अवसर पर प्रदर्शनी और संगोष्ठियों का भी आयोजन किया गया है। शिवाजी की तरह मुगलों को युद्ध में धूल चटाने के चलते लचित बोरफुकन को पूर्वोत्तर का शिवाजी भी कहा जाता है। जिस समय मुगलों से लोग डरा करते थे उस समय लचित ने उनकों को कई दफा मात दी और रणनीति फेल कर युद्ध के मैदान में हराया था। गुवाहाटी पर मुगलों का कब्जा होने के बाद लचित ने ही शिवाजी की तरह मुगलों को बाहर का रास्ता दिखाया था।
दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रहे इस समारोह का उद्घाटन असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने किया था। वहीं पीएम मोदी ने सरमा के साथ समारोह के हिस्से के रूप में आयोजित प्रदर्शनी का दौरा भी किया। असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने समारोह में कुछ इतिहासकारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत सिर्फ औरंगजेब, बाबर, जहांगीर या हुमायूं की कहानी नहीं है। भारत लचित बरफुकन, छत्रपति शिवाजी, गुरु गोबिंद सिंह, दुर्गादास राठौर का है। वहीं, कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी की तारीफ करते हुए सरमा ने कहा कि पीएम ने हमेशा हमें अपने इतिहास, गुमनाम नायकों को उनकी असली पहचान दिलाने के लिए प्रेरित किया है।
केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि आत्मानिर्भर भारत की यात्रा तब शुरू हुई थी जब लचित बरफुकन ने मुगलों से लड़ाई लड़ने के लिए असम के आम लोगों द्वारा बनाए गए हथियार और उपकरण का इस्तेमाल किया था। केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आपने जिस तरह से ‘मेक इन इंडिया’ के तहत देशवासियों को आत्मनिर्भर होने का मार्गदर्शन दिया आपने उसके जरिए सही मायने में लचित बरफुकन को नमन किया है। इस समारोह में पीएम मोदी बोरफुकन को श्रद्धांजलि देते हुए एक पुस्तक राष्ट्र को समर्पित करेंगे। वहीं, समारोह में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियां और एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जा रही है। वहीं प्रधानमंत्री मोदी नेआज यानी 25 नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे विज्ञान भवन में आयोजित समापन समारोह को संबोधित किया।
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